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बदलाव की दीपक जलाते रहो : रूचिरा गुप्ता

पटना संवाद सूत्र खबर सुप्रभात समाचार सेवा


बिहार संग्रहालय में रविवार की शाम ‘‘आई किक एंड आई फ्लाई‘‘ का विमोचन एमी-पुरस्कार विजेता सामाजिक न्याय कार्यकर्ता और नारीवादी प्रचारक रुचिरा गुप्ता की पुस्तक का विमोचन संग्रहालय के महानिदेषक, अंजनी कुमार सिंह ने करते हुए कहा कि समय के साथ सबकुछ बदला है। आज लड़कियाँ हर काम में आगे हो रही हैं। रूचिरा गुप्ता ने जो शमा जलाई आज उसकी रौषनी देखने को मिल रही है। अब ‘‘आई किक एंड आई फ्लाई‘‘ के द्वारा हीरा के जीवन पर आधारित इस पुस्तक में लड़कियों के बदलने की कहानी लिखी गइ्र हैं। पुस्तक की लेखिका एमी-पुरस्कार विजेता सामाजिक न्याय कार्यकर्ता और नारीवादी प्रचारक रुचिरा गुप्ता ने कहा कि बदलाव की जरूरत है ओर हम सबको अपनी भूमिका अदा करनी चाहिए। लड़कियों को जगाना होगा। उनकी जरूरते षिक्षा, सुरक्षा पर विषेष ध्यान देना होगा। रुचिरा गुप्ता ने कहा कि हम सिर्फ बुराई की बात नहीं कर सकते, बल्कि समाज को आगे आना होगा। नवजवानों को मार्गदर्षन देते हुए उन्होंने कहा कि उम्मीद की किरण पर ही नहीं बल्कि काम पर भी विष्वास करना होगा। लड़कियों को बचाने के लिए लोगों को जोड़ना होगा और सभी को साथ लेकर आगे बढ़ना होगा, तभी लड़कियों में हिम्मत आयेगी। उन्होने लड़कियों को संकल्प दिलाते हुए कहा कि हमारा शरीर है खास है हमें शर्माना नहीं है बल्कि अपनी ताकत को समझना है। एक सम्मोहक और प्रेरणादायक युग पर आधारित उपन्यास है। आप जिस चीज़ पर विश्वास करते हैं उसके लिए लड़ने के बारे में वास्तविक घटनाओं पर आधारित, किताब के बारे में बात करते हुए लेखिका रुचिरा गुप्ता ने बताया कि “हीरा की कहानी बड़ी बाधाओं के बावजूद आशा की कहानी है। यह एक ऐसे समुदाय की कहानी है जो परिवर्तन को संक्रामक बनाने का संकल्प लेता है और सफल होता है। मुझे उम्मीद है कि आपको हीरा के रूप में एक दोस्त मिलेगा जो आपको अपने जीवन में मनचाहे बदलाव लाने के लिए कुछ संकेत देगा।“
प्रसिद्ध फिल्मकार एम. के. रैना ने कहा कि आर्ट के द्वारा भी हम समाज में तबदीली कर सकते हैं, समाज में तबदीलीके कलए हमें सभी दृष्टिकोणों पर ध्यान देते हुए आगे बढ़ना चाहिए। बातचीत को पत्रकार रत्नोत्तमा सेन गुप्ता ने आगे बढ़ाया।
बिहार संग्रहालय के अपर निदेषक, श्री अषोक कुमार सिन्हा ने रूचिरा गुप्ता के कार्यकलापों पर चर्चा करते हुए कहा कि समाज में ऐसे लोगों की जरूरत है जो महिलाओं के अधिकार पीड़ितों की सहायता के लिए आगे आयें। मंच संचालन अदीबा ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन बिहार संग्रहालय के उपनिदेषक डाॅ० सुनील कुमार झा ने किया।
एलिस वॉकर, द कलर पर्पल की लेखिका के अनुसार ’आई किक एंड आई फ्लाई में युवा पाठकों को एक अनूठी कहानी दी है, और वह भी जो कर सकती है जान बचाने के लिए। यह किताब एक उपहार है। लेखिका रूचिरा गुप्ता का मानना है कि ’रेड-लाइट डिस्ट्रिक्ट आई किक एंड आई फ़्लाई में जाने के बाद मैं गवाही दे सकता हूं कि लड़कियों को यौन-तस्करी को समाप्त करने में मदद करने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए यह पुस्तक पढ़ना आवश्यक है। बिहार संग्रहालय में आज आयोजित संवाददाता सम्मेलन में श्रीमती रूचिरा गुप्ता ने ये बातें कहीं।
किताब के बारे मेंः
हीरा के लिए अपनी कहानी लिखने का समय आ गया है। चैदह वर्षीय हीरा उधार के समय पर जी रहा है। उसकी गली के अधिकांश परिवारों की तरह, उसके पिता ने अपना ऋण चुकाने के लिए उसे देह व्यापार में बेचने की योजना बनाई है। लेकिन एक कुंग फू प्रशिक्षक से अचानक मुलाकात के बाद, हीरा को एहसास हुआ कि एक और तरीका है। मार्शल आर्ट के माध्यम से, हीरा को पता चलता है कि उसका शरीर कोई वस्तु नहीं है, बल्कि वह ऐसी चीज़ है जिसका उपयोग वह अपनी और अपने प्रियजनों की सुरक्षा के लिए कर सकती है। इसलिए जब स्कूल का उसका सबसे अच्छा दोस्त लापता हो जाता है, तो हीरा एक साहसी बचाव अभियान पर निकलती है जो उसे न्यूयॉर्क ले जाएगा।
रुचिरा गुप्ता के बारे मेंः
रुचिरा गुप्ता “अपने आप “वूमेन वल्र्डवाइड की संस्थापक/अध्यक्ष हैं। वह एक सामाजिक न्याय कार्यकर्ता, नारीवादी प्रचारक, पत्रकार, एमी पुरस्कार विजेता वृत्तचित्रकार और न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं, जिन्होंने अपना जीवन एक ऐसी दुनिया बनाने के लिए समर्पित कर दिया है जहां कोई बच्चा खरीदा या बेचा नहीं जाता है। आई किक एंड आई फ्लाई उनका पहला उपन्यास हैं।