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मानवाधिकारो और मानवीय मूल्यों की घृणित खात्मा करने का ज्वलंत उदाहरण है औरंगाबाद के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल, निर्लज्जता के सीमा पार कर न्यूज पोर्टल को अपना ग्रुप से किया अलग, क्या सच खबरों से घृणा हो गया है जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल को ?

पटना से वेदप्रकाश का रिपोर्ट


पीयूसीएल (मानवाधिकार संगठन)के राष्ट्रीय पार्षद दिनेश कुमार अकेला ने औरंगाबाद जिला के जिलाधिकारी द्वारा अपने संवैधानिक प्रदत्त अधिकारों को निर्लज्जता पूर्वक खुल्लमखुल्ला दुरुपयोग व उलंघन करने के साथ

हिटलरशाही अमानवीय कारवाई की तीव्र कटु आलोचना किया है। पीयूसीएल के राष्ट्रीय पार्षद अकेला ने कहा कि दुनिया के सजग समाचार जगत के चर्चित प्रसिद्ध खबर सुप्रभात यू ट्यूब चैनल एंड न्युज पोर्टल को बिना कारण बताए नोटिस दिए अपने न्युज ग्रुप से जिलाधिकारी द्वारा हटाना क्या संविधान प्रदत्त मानदंड अधिकारों के मानवीय सर्वाधिक मूल्यों के तहत न्यायोचित है ?
क्या य़ह मानवाधिकारों और मानवीय मूल्यों की घृणित खात्मा कर देने का एक प्रमाणित सिलसिला का बेरोकटोक धड़ल्ले से घोर उलंघन का एक प्रमाणित प्रत्यक्ष विश्वसनीय उदाहरण नहीं तो और क्या है ?
खबर सुप्रभात चैनल एक निडर निष्पक्ष और भेदभाव विहीन खबर परोसने वाले विश्वसनीय संस्थाओं में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए हमेशा तैयार है। इसी अधिकारों और कर्मों के कारण परेशान करने की य़ह सुनियोजित साजिश की एक अमानवीय कुकृत्य रही हैं।
केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं में भयाक्रांत लूट और मनमानी गतिविधि और भ्रष्टाचार किया जा रहा है ,जो जनविरोधी नीतियों व जन हितैषी ताकतों के लिए नाकाफ़ी नागवार और असहनीय सा साबित हो गया था। लेकिन जन विरोधी अनगिनत जानलेवा कुरीतियों के चलते और अपने दमनात्मक रवैये और अद्भुत घृणित साजिशों को सुनियोजित तरीके से अंजाम देने के लिये आतुर हैं । सिर्फ अपने अस्तित्व बचाने के लिए बेहद क्रूर दमनात्मक कारवाई के जरिए अपने आंतरिक कुकर्मों पर पर्दा डालने के लिए अनमोल ओछी हरकतों में शुमार अद्वितीय दिखाबटी एक मोहरा आश्चर्यजनक नाटक है।
10 दिसम्बर 22 को समाज के दबे कुचले गरीब वर्गों के मानवाधिकार का घोर उलंघन और दमन को लेकर एक खबर सुप्रभात में प्रकाशित किया गया था।
य़ह एक कसूर या अपराध क्या है ? सच बोलना अगर बग़ावत है तो निश्चित समझो कि हम भी वागी हैं।
13 फ़रवरी 23 को औरंगाबाद जिला में मुख्यमंत्री मंत्री के प्रस्तावित बैठक और समाधान यात्रा के मद्देनजर जो भी जिला प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रम संचालित करने की कोशिश की जा रहीं थी ।अपने कमजोरी और कृत्रिम कुकर्मों पर योजनाबद्ध ढंग से पर्दा डालने की नाहक कोशिस का पर्दाफाश करने के कारण नग्न व उटंग हो जाने के चलते असंवैधानिक अमानुषिक ज़ालिम तरीके से बेहोश और आक्रोशित होकर जिलाधिकारी औरंगाबाद ने खबर सुप्रभार को अपने प्रेस ग्रुप से निष्कासित कर दिया है। य़ह घोर अपराध और लोकतंत्र की हत्या है।
औरंगाबाद जिलाधिकारी ने बिना कारण बताए व नोटिस जारी किए 12 फ़रवरी को अपने न्युज पोर्टल व चैनल से खबर सुप्रभात को हटा दिया जाने जैसी संवैधानिक मान्यताओं को सुनियोजित साजिशों के तहत उलंघन करते हुए मानो मानवता को शर्मसार कर दिया गया है।
डीएम अपने प्रदत संवैधानिक अधिकारों का खुल्लमखुल्ला दुरुपयोग करने जैसी अमानवीय जघन्य अपराध का साक्षात दर्शन देकर मानवीय सम्वेदना को तार-तार कर दिया है। इस एतिहासिक अमानवीय जघन्य कारवाई की जितना भी विरोध किया जाय तो वह कम ही होगा।

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