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85वर्षीय दलित महिला शनिचरी कुंवर के शव के साथ जानवर के तरह व्यवहार से सबके साथ न्याय और विकास का खुला पोल, क्या जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री यहां भी आकर करेंगे समीक्षा व दिलाएंगे न्याय? दलितों व पिछड़े वर्ग के जनप्रतिनिधि आखिर कब तक महज वोट के लिए बरगलाते रहेगें गरीब व असहाय जनता को?

आलोक कुमार, केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात

बिहार में सामाजिक न्याय की सरकार का नारा सबको न्याय और सभी का विकास का असलियत और जमीनी सच्चाई का पोल खोलकर रख दिया है 85वर्षीय महादलित महिला शनिचरी कुंवर के शव के साथ अमानवीय एवं क्रुर प्रशासनिक व जनप्रतिनिधियों का ब्यवस्था। बताते चलें कि

पिछले शुक्रवार को अम्बा थाना क्षेत्र के डुमरी पंचायत अंतर्गत जोड़ा टोले भुईयां बिगहा में एक युवक द्वारा 85वर्षीय महादलित महिला जो भुईयां जाती से आते हैं को पीट पीट कर गंभीर रूप से गंभीर रूप से घायल कर दिया

था। घटना के बाद घायल महिला का ईलाज के नाम पर महज खानापूर्ति ही कहा जाएगा, चुके महिला काफी गरीब और लचार थी फलस्वरूप उसकी ईलाज समुचित ढंग से नहीं हो सका और अन्ततः घर पर बुधवार को निधन हो गया। निधन के सूचना के बाद अम्बा थाना अध्यक्ष रमेश कुमार एवं एस आई सिमरन राज दल बल के साथ मृतक के घर पहुंचे और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी कर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल भेज दिए। उल्लेखनीय है कि 85वर्षीय दलित महिला का शव जानवर के तरह पीकअप वैन में भेजा गया जो किसी भी संवेदनशील इंसान के लिए दिल दहलाने वाली घटना है। इससे स्थानीय लोगों में भी असंतोष व गुस्सा देखा जा रहा है लेकिन गरीब एवं असहाय लोगों को विरोध करने का साहस नहीं हो सका। खबर सुप्रभात द्वारा पुछे जाने पर मौके पर मौजूद स्थानीय मुखिया रवीन्द्र यादव एवं पंचायत समिति सदस्य सरयू यादव भी इसे अमानवीय व्यवहार कबूल करते हैं। मुखिया ने बताते हुए स्विकार किये की यहां स्वास्थ्य ब्यवस्था लचर है और एम्बुलेंस का कमी है पंचायत समिति सदस्य सरयू यादव ने भी निंदा करते हुए दुःख व्यक्त किए। बता दें कि यह क्षेत्र कुटुम्बा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत है और यह क्षेत्र एसटी एसटी सुरक्षित है इस लिए हमेशा से यहां एसटी एसटी विधायक होते रहे हैं वर्तमान में जिलाधिकारी भी एसटी एसटी समुदाय से ही आते है फिर भी महादलितों के साथ विकास और न्याय नहीं मिलना एक गंभीर रूप से विश्लेषण करने की आवश्यकता है। क्या जनप्रतिनिधियों को महज वोट से मतलब है या फिर आमजनता के प्रति निष्ठा पूर्वक इमानदारी से विकास के साथ न्याय स्थापित भी कराना है।

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