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औरंगाबाद में पेयजल के लिए हाहाकार, अधिकारी व जनप्रतिनिधि मस्त, कितना  का डील है श्रीं सीमेंट फैक्ट्री से?

औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा

औरंगाबाद जिला मुख्यालय सहित जिला के ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर हाट बाजार और शहरी क्षेत्रों में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। औरंगाबाद जिला मुख्यालय में पेयजल संकटों के लिए पुरी तरह से श्री सीमेंट फैक्ट्री जिम्मेवार है। एकरनाम के अनुसार फैक्ट्री को सोन नदी से पाइप के सहारे पानी का आपुर्ती होना था। लेकिन एकरनाम और जनहित का ठेंगा दिखाते हुए फैक्ट्री कम्पाउन्ड में मनमानी ढ़ंग से कई बोर किया गया है और जल स्रोत का दोहन

सिंह कोठी के पास दम तोड़ता चपा कल

किया जा रहा है। इसकी चर्चा सर्वत होते रहता है लेकिन जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को या तो भनक तक नहीं है या फिर फैक्ट्री के प्रबंध के साथ मोंटी रकम का डील हो चुका है। यदि डील नहीं है तो फिर फैक्ट्री द्वारा जल श्रोत का दोहन का आम चर्चा है और जिला मुख्यालय में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है तो आखिर जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि को फैक्ट्री के प्रबंध द्वारा मनमानी करते हुए जल स्रोत का दोहन करने के विरुद्ध आखिर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं? कुछ स्थानीय गोदी मिडिया भी इसके लिए समान रूप से दोषी है कहा जाए तो गलत नहीं होगा। स्थानीय नेताओं द्वारा कभी कभार श्री सीमेंट फैक्ट्री के प्रबंधन के मनमानी पर विरोध का स्वर सुनाई देता है और कभी कभार कुछ गोदी मिडिया द्वारा भी सवाल उठाया जाता है लेकिन अचानक विरोध दब जाया करता है। अचानक विरोध दबाना आमलोगों के लिए अबुझ पहेली बना हुआ है और तरह तरह का चर्चा का बाजार गर्म है। जिला के दाउदनगर अनुमंडल मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में तथा जिले के दक्षिणी इलाका जो कि दो तीन सालों से सुखाड़ के चपेट में हैं आज यहां भिषण पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है तथा हाहाकार मचा हुआ है। ग्रामीण लोग पुरी तरह से नल-जल योजना पर आधारित हो गए हैं। लेकिन बिजली का आंख-मिचौली तथा अधिकांश नल जल योजना का खानपुर्ती लोगों को जिना मुहाल कर दिया है।