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किसान जागरण के प्रथम पुरोधा स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती 8 मार्च पर विशेष आलेख, जमींदारों के क्रूर अत्याचार के खिलाफ देश में अन्नदाता किसानों को जगाया, देश में किसान आंदोलन की शुरुआत नवादा जिला के रेबरा गांव से हुई

डीके अकेला के रिपोर्ट



दण्डी स्वामी सहजानंद सरस्वती ने जमींदारों के वहशी व निर्मम अत्याचार के विरूद्ध में अन्नदाता किसानों को जगाया था। नवादा जिले के रेवरा गांव से किसान सत्याग्रह (आंदोलन ) की शुरूआत हुई थी।उक्त सम्वेदनशील व ऐतिहासिक आंदोलन में पुरूषों के साथ औरतों ने भी जमींदारों के अत्याचार के खिलाफ जमकर विरोध किया था।
8 मार्च को उनका जन्म दिवस है।दण्डी स्वामी सहजानंद सरस्वती किसान जागरण के पुरोधा थे।18 वर्ष की आयु गृह त्याग करने के बाद भगवान की खोज में मठ मन्दिर एवं तीर्थ स्थलों में भ्रमण करने के बाद भगवान का दर्शन नहीं हुआ।
तब से खेतों में अन्नदाता भगवान चलाते हल चलाते ,कुदाल चलाते ,फसलों की बुआई करते गर्मी, बरसात और ठंडक का सामना करते हुए किसानों का दर्शन हुआ तो उनके दुख दर्द में जुट गये । अन्न के उपज के बङा हिस्सा जमींदार हङप लेते थे और कठोर कठिन परिश्रम करने के बाद भी किसानों को कुछ नहीं मिलता था। इस शोषण’- दोहन के विरूद्ध उन्होंने आवाज उठाई।। उसके दुख दर्द निवारक हेतू अभियान में जूङं गये।।अन्न के बङा हिस्सा जमींदार हङप लेते थे।और कठिन परिश्रम करने के बाद किसानों को कुछ भी नहीं मिलता था।इस शोषण के खिलाफ उन्होंन जबरदस्त आवाज उठाई।