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अधिकारो और कर्तव्यों के बीच समन्वय आवश्यकः सचिव

औरंगाबाद से अधिवक्ता शतीश स्नेही का रिपोर्ट

माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली निर्देशानुसार 26 नवंबर से 02 दिसम्बर तक चलने वाले संविधान सप्ताह का विधिवत समापन लार्ड बुद्धा पब्लिक स्कूल सीनियर ब्रांच औरंगाबाद में किया गया। कार्यक्रम का शुरुआत अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री संग्राम सिंह ,जिला विधि संघ के अध्यक्ष श्री रसिक बिहारी सिंह, पैनल अधिवक्ता श्रीमती स्नेहलता, श्री सुजीत कुमार सिंह, रिटेनर श्री अभिनन्दन कुमार तथा लार्ड बुद्धा पब्लिक स्कूल के निदेशक श्री धनन्जय शर्मा के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया इस अवसर पर विद्यालय के सभी कर्मी तथा सभी छात्र छात्राओं की काफी संख्या में उपस्थिति रही। 
           इस अवसर पर विद्यालय का पुरा सेमीनार हौल बच्चो से खचाखच भरा हुआ था।             कार्यक्रम के दौरान अपने सम्बोधन में पैनल अधिवक्ता श्रीमती स्नेहलता ने संविधान में दिये गये कई अधिकारो और कर्तव्यों से बच्चो को अवगत कराया गया। .रिटेनर श्री अभिनन्दन कुमार ने आज के परिवेश में सोसल नेटवर्क का फायदा और नुक्सान दोनों से अवगत कराते हुए बच्चो को कहा गया कि आपको बड़ी सावधानी बरतते हुए इसका इस्तेमाल करना चाहिए जिससे कि आप इसके जाल में न फंस जाए साथ ही विडियो काॅल के प्रति हमेशा सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि इसके जरिये कई तरह के अपराधिक कार्य हो रहे हैं तथा लोगो को इसका दुष्प्रभाव झेलना पड़ रहा है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विधि संघ के अध्यक्ष श्री रसिक बिहारी सिंह ने कहा कि बच्चो को सर्वागिण विकास के लिए साकारात्मक सोच रखना एवं अपने सपनो को साकार करने हेतु हर संभव प्रयास करने को बच्चो को प्रोत्साहित किया तथा कहा कि बच्चे सही चिजों को ही करें अपने अधिकार का इस्तेमाल कर्तव्य के साथ करें। जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री संग्राम सिंह के द्वारा कहा गया कि शिक्षा विभाग जिला विधिक सेवा प्राधिकार से समन्वय स्थापित करते हुए कई कार्यक्रम आयोजित किया है जिससे छात्र, छात्राओं और उनके अभिभावको के बीच विधिक अधिकारो के प्रति जागरूकता आई है और संविधान सप्ताह के तहत भी विद्यालय में छात्र छात्राओं के बीच मौलिक चेतना विकसित करने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों के महत्व पर प्रकाश डाला गया तथा कहा कि आगे भी शिक्षा विभाग इस प्रकार के कार्यक्रम को करने में सहयोग करता रहेगा।


        सचिव प्रणव शंकर ने कहा कि हम बच्चों के बीच आयें हैं और बच्चों के बीच क्यों आये हैं इसका सीधा तात्पर्य यह है कि बच्चे छोटे पौधे की आकार की तरह होते हैं और उन्हें जैसा वातावरण दिया जाए उसका स्वरूप भी वैसा ही तैयार होता है। उन्होंने कई प्रेरक प्रसंगो के माध्यम से बच्चो को उत्साहवर्धन कराते हुए कहा कि बच्चे भले ही छोटे हैं परन्तु उनका महत्व इस समाज में बेहद ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने बच्चो को रामसेतु निर्माण में गिलहरी की योगदान का चर्चा करते हुए कहा बड़े बड़े बलशाली लोगो का योगदान बड़ा हो सकता है परन्तु सामर्थ के अनुसार अगर कोई व्यक्ति कोई प्रयास करें तो वह भी समाज को सुखद एवं प्रेरक दिशा दे सकता है साथ ही सचिव ने बच्चो के विभिन्न विधिक विषयो पर जानकारी उपलब्ध कराया। सचिव के द्वारा कार्यक्रम के अंत में बच्चो के अन्तर मन में उठने वाले सवालो का जबाव विस्तृत रूप से दिया जिनमें बच्चो के द्वारा पाक्सो अधिनियम, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, भारतीय संविधान, सार्वजनिक सम्पतियों के नुक्सान सम्बन्धित कई आश्चर्यजनक सवालो का उत्तर दिया गया तथा उनके सवालो को सुनकर सचिव ने कहा कि बच्चे जिस तरह के सवाल पुछ रहे हैं वह आने वाले समय का भारत की पृष्ठभूमि का अहसास सुखद करा रहा है।  कार्यक्रम के अन्त में संस्थान के निदेशक धनन्जय शर्मा कहा कि ऐसे कार्यक्रम से बच्चे काफी लाभान्वित हुए तथा उम्मीद करते हैं कि आगे भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर बच्चो को विधिक रूप से सशक्त करने का अवसर मिलता रहेगा जिसपर सचिव ने उन्हें जल्द ही विस्तृत रूप से कार्यक्रम आयोजित कर विभिन्न न्यायिक पदाधिकारियों के साथ हर विषय पर बच्चो के सवालो का जबाव दिलाने तथा उनके मन में उठने वाले हर जिज्ञासा एवं कौतुहल को दूर करने का प्रयास किया जायेगा।

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