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औरंगाबाद पुलिस का गुड़ पुलिसिंग या दोहरा चरित्र?

आलोक कुमार, केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात

औरंगाबाद जिले में गुड पुलिसिंग के नाम पर दोहरा चरित्र का उजागर नगर निकाय चुनाव के दौरान उभर कर सामने आया है। उल्लेखनीय है कि नगर चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान देव में नगर निकाय के चुनाव लड रहे गुड्डू चंद्रबंशी एवं सुनील सिंह का डीजे बजता हुआ प्रचार वाहन को देव पुलिस द्वारा जप्त कर लिया गया था लेकिन चुनाव प्रचार के अंतिम दिन नबीनगर में थाना के मुख्य प्रवेश द्वार पर नगर निकाय के एक प्रत्याशी ने अपने सैंकड़ों समर्थकों द्वारा प्रचार वाहन में डीजे बांधकर प्रदर्शन किया गया और पुलिस खड़े होकर देखते रही। अब औरंगाबाद पुलिस अधीक्षक और जिला वासियों के समक्ष यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि औरंगाबाद में गुड़ पुलिसिंग या पुलिस का दोहरा चरित्र है? आखिर जिला वासियों के बीच दिलों दिमाग में कौंधता सवाल का जबाव पुलिस अधीक्षक देंगे या फिर जिला वासियों के दिलों दिमाग में यह सवाल कौंधते रहेगा? वैसे माने तो औरंगाबाद जिले में पुलिस का दोहरा चरित्र हमेशा उजागर हाल के दिनों में होते रहा है और गुड़ पुलिसिंग का धज्जी उड़ते लोग देखते रहे हैं। बता दें कि बालू के अवैध उत्खनन और कारोबारियों के विरुद्ध कहीं कहीं तो कारवाई पुलिस द्वारा किया जाता है लेकिन जिले के कुछ थानों के इर्दगिर्द नदी से दिन के उजाले में निर्भीकता पूर्वक लोग बालू के अवैध उत्खनन एवं कारोबारियों के समक्ष या तो पुलिस प्रशासन बौना साबित हो रही है या फिर अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षण दे रही है। आखिर पुलिस का दोहरा चरित्र अथवा मापदण्ड जिले में कब तक देखा जाएगा और कब तक लोग चुप्पी साधे रहेगें यह सवाल भी जनमानस के बीच कौंध रहा है कि पुलिस अधीक्षक का होने वाले मासिक अपराध गोष्ठी

और अपराध गोष्ठी में दिए गए पुलिस अधीक्षक का आदेश महज रुटीन वर्क है या पुलिस अधीक्षक का आदेश बेअसर साबित हो रहा है? जिला मुख्यालय में दिन के उजाले में शहर के अति व्यस्त इलाका कर्मा रोड में चंद माह पूर्व अपराधियों द्वारा एक महिला को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल करना, आए दिन जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में हत्या, लूट , चोरी और छेड़खानी करने का मामला प्रकाश में आते रहा है लेकिन पुलिस अधीक्षक इसे नियंत्रित करने में असफल और बेअसर साबित हो रहे हैं आखिर क्यों यह भी आम लोगों के बीच एक अबुझ पहेली बना हुआ है।

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