औरंगाबाद जिले के दाउदनगर अनुमंडल क्षेत्र इन दिनों भूमि बिवाद को लेकर रक्तरंजित होते जा रहा है। यदि मार्च से अभी तक आंकड़ों पर गौर करें तो भूमि बिवाद को लेकर अनुमंडल क्षेत्र के दाउदनगर , हसपुरा , गोह में कहीं तनाव देखने को मिल रहा है तो कहीं हिंसक झडप और गोलीबारी तो कहीं गोली मारकर हत्या के घटना आम अवाम को दहशत में डाल दिया है। बताते चलें कि दाउदनगर थाना क्षेत्र में मायापुर में एक अधेड़ किसान को मारपीट के घटना में बुरी तरह से घायल होने के बाद इलाज के क्रम में मौत हो गई, मनार गांव में भूमि बिवाद को लेकर हुई गोलीबारी में एक पंचायत समिति सदस्य को घायल अवस्था में बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया है , हसपुरा थाना क्षेत्र के पीरु गांव में एक वीणा देवी को गोली मारकर हत्या आज के चंद माह पूर्व कर दिया गया था। हसपुरा और गोह थाना क्षेत्र में भी कमोवेश यही स्थिति बना हुआ है। आश्चर्य तो यह है कि 23 जुलाई को मनार गांव में भूमि बिवाद को लेकर हुई गोलीबारी में पंचायत समिति सदस्य को घायल होने का खबर के बाद जब घटना के संबंध में जानकारी के लिए दाउदनगर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कुमार ऋषि राज के सरकारी मोबाइल नम्बर पर संपर्क दो बार करने का प्रयास किया गया तो वे आराम से जवाब देते हैं कि रौंग नवम्बर है। अब सवाल यह उठता है कि जब एक जिम्मेवार पुलिस पदाधिकारी झूठ बोल सकते हैं तो फिर आम लोगों को भरोसा पुलिस प्रशासन पर कैसे हो सकता है यह एक गंभीर मामला है। पुलिस उपाधीक्षक से यह सवाल करना की झूठ बोलकर आखिर क्या छुपाना चाहते हैं आम लोगों अथवा मिडिया कर्मियों से।
