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इलेक्ट्रोल बाउणड व विपक्ष को टारगेट करना क्या मोदी सरकार को  खतरे का घंटी तो नहीं है?

आलोक कुमार निदेशक सह संपादक खबर सुप्रभात समाचार सेवा

देश में 18 वीं लोकसभा चुनाव का घंटी बज रही है। सभी दल क्या पक्ष क्या विपक्ष चुनावी जंग -ए मैदान में आमने-सामने कुद पड़ी है।एक दुसरे को साह मात देने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। एक तरफ़  केन्द्र में एनडीए सरकार जिसका मुखिया नरेंद्र मोदी तो दूसरी तरफ विपक्ष इंडिया गठबंधन जहां नेताओं का कतार है। सभी ने अपने अपने हिसाब से ताल ठोक रहे हैं। एनडीए मोदी के गारंटी का हवाला दे रहा है तो विपक्ष एनडीए का तानाशाही व

आलोक कुमार संपादक सह निदेशक खबर सुप्रभात

विपक्ष के नेताओं को परेशान करने व जेल में डालें जाने और भाजपा के वाशींग मशीन के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। जिसका नजारा सुप्रीम कोर्ट से संजय सिंह को शराब घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आने पर जबरदस्त तरीके से दिखाई दिया है। संजय सिंह के जेल से बाहर आते ही जिस तरह आम आदमी पार्टी और विपक्ष के नेताओं ने दिल्ली के सड़कों पर लाखों के तायदाद में एनडीए व नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला बोला है उससे आम मतदाताओं और सवा अरब देशवासियों को सोचने के लिए मजबुर कर दिया है। क्या देश में अब निरंकुश और तानाशाह सरकार चलेगा जिसके पास वाशींग मशीन है या फिर देश में लोकतंत्र पर आधारित लोक कल्याणकारी सरकार चलेगा ? दिल्ली में शराब घोटाला करने के आरोप में ईडी द्वारा आम आदमी पार्टी के नेताओं के घर से लेकर हर ठिकानों पर लगातार छापेमारी किया लेकिन अभी तक एक रुपये का बरामदगी नहीं हो सका और नहीं कोई पोख्ता साबुत मिल सका। फिर भी सत्येन्द्र जैन, सोमनाथ भारती, संजय सिंह और अब के० कविता और अरबिंद केजरीवाल सिटींग मुख्यमंत्री (दिल्ली) सरकार को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। हला की सत्येन्द्र सिंह पिछले दिनों जेल से रिहा हो गये है। अब सवाल यह उठता है कि एक तरफ जहां विपक्ष पर घोटाला करने का नहीं तो कोई पोख्ता साबुत और नहीं पैसा का बरामदगी फिर भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है और दूसरी तरफ़ वैसे लोग जिनके विरुद्ध पीएम मोदी और एनडीए के आला नेताओं ने गला फाड फाड़ कर भ्रष्टाचार तथा घोटाला करने का आरोप लगाते नहीं थक रहे थे और जेल में चक्की पीशींग पीशींग का धमकी देते थे। लेकिन वे लोग जैसे ही भाजपा का दामन थाम ली सभी आरोप और फाइलें क्लोज कर दिया गया। हाल के दिनों में इलेक्ट्रोल बाउणड घोटाला प्रकाश में आया है और इस मामले में नरेंद्र मोदी सरकार के वित मंत्री निर्मला सीतारमण के पति जो दुनिया के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं ने भी कह दिया कि दुनिया के सबसे बड़ा घोटाला इलेक्ट्रोल बाउणड है। लेकिन इस के लिए जिम्मेवार लोगों के विरुद्ध आखिर नरेंद्र मोदी सरकार व इनके ईडी आखिर चुप क्यों यह सब देश के सामने यक्ष प्रश्न बनते जा रहा है। तथा विपक्ष को ताकत दे रहा है। देश के सामने यह सवाल भी खड़ा हो गया है कि क्या इलेक्ट्रोल बाउणड और केजरीवाल को आम चुनाव के समय गिरफ्तार कर जेल में बंद करना मोदी सरकार के लिए कहीं ख़तरे का घंटी तो नहीं है? जिस तरह 2004 के आम चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के ओभर कॉन्फिडेंस साइनिंग इंडिया का ह्स हुआ था इस बार 2024 के आम चुनाव में मोदी की गारंटी का नारा का भी वही हस्र होगा जिस तरह साइनिंग इंडिया का हुआ था। मोदी का पुराना गारंटी रोजगार, काला धन के वापसी आज तक पुरा नही हो सका तो फिर मोदी के नया गारंटी पर आखिर देश भरोसा कैसे और क्यों करे?