गाजियाबाद से निर्मल शर्मा का आलेख
_इसके बारे में सीबीआई ने चार्जशीट में खुलासा किया था कि_ *_शेख़ सोहराबुद्दीन अमित शाह का ही आदमी था,जिसका उपयोग अमित शाह सालों से गुजरात के व्यापारियों,उद्योगपतियों से पैसे ऐंठने के लिए किया करते थे !_*
_सोहराबुद्दीन की हत्या को ऐसे प्रदर्शित किया गया था कि ये मोदी को इसलिए मारने आया है क्योंकि मोदीजी हिंदुओं की रक्षा करते हैं !_
*_सोहराबुद्दीन की हत्या मोदीजी की छवि चमकाने के लिए की गई !_*
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_जबकि सीबीआई की चार्जशीट कहती है कि_ *_“हिंदू व्यापारियों, मार्बल व्यापारियों से लाखों रुपए चौथ ऐंठने के लिए सोहराबुद्दीन का दुरूपयोग तत्कालीन गुजरात सरकार के मंत्री और अब भारतीय गणराज्य के गृहमंत्री अमित शाह और गुजरात राज्य के पुलिस डायरेक्टर जनरल बंजारा द्वारा मिल-जुलकर किया जा रहा था !अकेला सोहराबुद्दीन ही नहीं था जिसे इस प्रकार आतंकवादी बताकर मार दिया गया और भी 22 निरपराध मुस्लिम समाज के लोगों की जघन्यतम् हत्याएं की गईं कि “ वे कथित तौर पर मोदी को मारने आए थे !”_*
*_इस्लामी आतंकी कहकर 22 निरपराध मुसलमानों की हत्या_*
_खुद गुजरात सरकार के आँकड़े के अनुसार_ *_“वर्ष 2002 से लेकर वर्ष 2007 तक के बीच गुजरात में ऐसे 22 बेगुनाह लोगों की हत्या की गई जिन्हें कहा गया कि ये इस्लामी आतंकी हैं और ये मोदी को मारने आए थे ! “,_*_“मोदी की जान को ख़तरा है !”वाला ये कॉन्सेप्ट बहुत पुराना है और यह काल्पनिक कांसेप्ट राजनीतिक रूप से मोदी के लिए ग़ज़ब का फ़ायदा देने वाला भी साबित हुआ !_
*_मोदी के ‘हिन्दू हृदय सम्राट ‘ की छवि उभारने के लिए निरपराधों की जघन्यतम् हत्याएं !_*
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*_इससे मोदी की “हिंदू हृदय सम्राट ” वाली इमेज बनती है कि ‘मोदी को हिंदुओं के हित में काम करने की वजह से टार्गेट किया जा रहा है ! ‘ और दूसरी तरफ़ मुस्लिमों के लिए नफ़रत भी फैलती है कि मुस्लिम इतने बुरे और आतंकी होते हैं ! जबकि हकीकत में मुस्लिमों का इससे कोई सम्बंध ही नहीं होता है !_*
*_इन निरपराधों की हत्या में भ्रष्ट नेता, पुलिस और गैंगस्टर्स_*
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*_व्यापारियों-उद्योगपतियों से चौथ ऐंठने के काम में नेता,पुलिस और गैंगेस्टर्स तीनों का गठबंधन होता है जिसमें धर्म का कोई रोल नहीं होता है !_*
*_आतंकी या मोदी-शाह द्वयी द्वारा कराए गए अधिकतर एनकाउंटर फर्जी !_*
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*_“मोदी की जान को ख़तरा है ,”कहकर मारे गए अधिकतर एंकाउंटर, जाँच में फ़र्ज़ी निकले हैं ! ये पूरा एक खेल है, इमेज बिल्डिंग का है ! भोली भाली जनता को ये खेल पता नहीं चल पाता !_*
Excellent write-up
Outstanding feature