आलोक कुमार , केन्द्रीय न्यूज डेस्क , खबर सुप्रभात।
देश के जानेमाने उद्योगपति गौतम अडानी का फीर एक बार 12 हजार 770 का कर्जा फिर एक बार एस बी आई माफ कर दिया। कर्ज माफी क्यों किया जा रहा है उद्योगपतियों का यह एक यक्ष प्रश्न देश के सामने खड़ा है। देश पुछ रहा है हूकमरानों से , क्या देश गौतम अडानी और अन्य उद्योगपतियों का चारा गाह बन चुका है? क्या बता सकते हैं देश के सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर बैठे बाबू लोग कि माफ किया गया कर्ज के पैसा से देश के अर्थ ब्यवस्था पर कितना सकारात्मक और कितना नाकारात्मक असर पड़ेगा? राहुल गांधी का यह कहना कि देश का चौकिदार चोर है क्या उनके आरोपों का बल नहीं मिल रहा है?
यदि नहीं तो फिर चौकिदार के प्रहरी के बावजूद देश के उद्योगपतियों को बार बार कर्ज माफ क्यों किया जा रहा है इसका जबाब देश के चौकीदार के पास है? आज देशभर में किसान कर्ज के बोझ से दबकर आत्म हत्या कर रहे हैं? गरीब , बेरोजगार युवक युवतियों आर्थिक तंगी से परेशान होकर रोजी रोटी के लिए पलायन कर रहे हैं। इसके बावजूद समाजवादी सरकार का तथाकथित पुरोधा मुलायम सिंह यादव एवं उनके पुत्र अखिलेश यादव मात्र तीस सालों में हजारों करोड़ रुपए का मालिक कैसे बन गये इसका जबाव पिता पुत्र दे पायेगें गरीब जनता के अदालत में? क्या देश के चौकीदार देश और उनके पैरोकार जनता के अदालत में बतायेगें की जब बड़े बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ किया जा सकता है तो फिर देश के छोटा बड़ा ब्यपारी , किसान मजदूर को आखिर क्यों नहीं माफ किया जा सकता है ?
आज देशभर में महंगाई से आम अवाम लोग त्रस्त हैं , किसान आंदोलन के रास्ते पर हैं , शिक्षक , कर्मचारी , छात्र – नौजवान आंदोलन के रास्ता अपना रहे हैं और देश को डिजिटल इण्डिया और स्टार्टअप इण्डिया का लोक लूभावने नारा से गुमराह किया जा रहा है।
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