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हिमाचल देवभूमि तो बिहार देवों की भूमि : मुख्य न्यायमूर्ति पटना

औरंगाबाद से अधिवक्ता शतीश स्नेही का रिपोर्ट

आज व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में नये व्यवहार न्यायालय का उद्घाटन पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति संजय करोल, न्यायमूर्ति संदीप कुमार तथा न्यायमूर्ति सह निरिक्षी जज राजीव राय ने संयुक्त रूप से फीता काट कर किया, उसके बाद नये व्यवहार न्यायालय परिसर में वृक्षारोपण किया तत्पश्चात नये व्यवहार न्यायालय पांच तल्ला विल्डिंग का उद्घाटन शिलापट्ट का  पर्दा हटा कर  किया,नये व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद को व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद  को समर्पित किया, इससे पूर्व पलना घर का उद्घाटन मुख्य न्यायमूर्ति संजय करोल, न्यायमूर्ति संदीप कुमार, न्यायमूर्ति राजीव राय ने किया, नया व्यवहार न्यायालय के निचे उद्घाटन मंच पर दीप प्रज्वलित तीनों न्यायमूर्ति, और जिला जज मनोज कुमार तिवारी,तथा स्पेशल पीपी कुमार योगेन्द्र नारायण सिंह ने किया, उद्घाटन
कार्यक्रम का स्वागत भाषण जिला जज मनोज कुमार तिवारी ने किया, उनके बाद निरिक्षी जज ने सभी का अभिनंदन किया, उनके बाद न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने औरंगाबाद न्यायिक पदाधिकारीयों की कार्यों की प्रशंसा की, मुख्य न्यायमूर्ति संजय करोल ने  औरंगाबाद के 26 लाख लोगों को प्रणाम करते हुए सम्बोधन प्रारंभ की , और युवा अधिवक्ताओं को जोश बढ़ाते हुए कहा कि आपका बार यंग बार है,
न्यायिक पदाधिकारीयों से आग्रह किया कि औरंगाबाद में ऐसा फैसला दे कि  पक्षकार को न अपील करना पड़े न दलील देना पड़े, ऐसा आदर्श स्थापित करें कि औरंगाबाद वासीयो का हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट औरंगाबाद का ही कोर्ट हो क्योंकि अधिकांश किसान, मजदूर को न्याय के लिए लम्बी लड़ाई सम्भव नहीं है, फैसला भले किसी के पक्ष या खिलाफ हो मगर फैसला में न्याय निहित हो,वाद के प्रकिया तेज़ी से क्रियान्वयन के लिए जिला जज, जिला पदाधिकारी, आरक्षी अधीक्षक, सिविल सर्जन समय समय पर समीक्षात्मक बैठक करें, आपको मालूम कि करोना काल में भी आम आदमी के मौलिक अधिकार सुरक्षा के लिए
हाईकोर्ट हमेशा खुली रही, उन्होंने आगे कहा कि जब हम न्याय करते हैं, फैसला करते हैं तो जजमेंट केवल काली स्याही के दस्तावेज नहीं होती वह किसी के आंसु पोंछने के काम आती है,
औरंगाबाद में भी एक कोर्ट ऐसा बनाये जहां सबकुछ ओनलाइन हो
फाइलिंग से लेकर गवाही,बहस, जजमेंट तक ओनलाइन हो , इससे बहुत फायदे होंगे यहां तक कि पक्षकार को भी नेट पर वाद की
जानकारी मिलती रहेगी,
यहां कुल 60 हजार केस में 11 हजार वाद उत्पाद विभाग से संबंधित है जिससे न्यायालय पर भार बढ़ा है जिस पर विशेष ध्यान कि आवश्यकता है , उन्होंने यह भी कहा कि कुछ केस ऐसे आ रही है जिस पर नाम किसी का, और कब्जा किसी ओर का, उन्होंने न्यायधीशों से अनुरोध करते हुए  कहा कि प्रोसेस पनीसमेंट न बन जाए इसलिए वाद निष्पादन में समय पर ध्यान दें, अंत में कहा औरंगाबाद आकर बहुत खुशी हुई आपका धन्यवाद,
धन्यवाद ज्ञापन परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश कृष्ण कांत त्रिपाठी ने किया उसके बाद सभी पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्तियों और व्यवहार न्यायालय के  सभी न्यायिक पदाधिकारीयों ने नये व्यवहार न्यायालय के भ्रमण किया और शुभकामनाएं प्रकट किये
उपस्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकार औरंगाबाद के सचिव प्रंनव शंकर, जिला पदाधिकारी सौरव जोरवाल, आरक्षी अधीक्षक कांतेश मिश्रा, अंचलाधिकारी, लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल,जिला विधिक संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह, महासचिव नागेंद्र सिंह, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय सिंह, महासचिव विधार्थी जी, दाउदनगर विधि संघ के अध्यक्ष, सचिव, और स्पेशल पीपी, एपीपी तथा तमाम अधिवक्ता और न्यायिक कर्मचारीगण उपस्थित थे
यह जानकारी अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने दी

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