अम्बुजा कुमार , खबर सुप्रभात।
जहरीली शराब पीने से मौत का जिम्मेवार कौन – डॉ सुरेश पासवान
बिहार सरकार के पुर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डा सुरेश पासवान ने कहा है कि औरंगाबाद जिला के मदनपुर प्रखंड में लगातार जहरीली शराब पीने से मौत का सिलसिला जारी है। बिहार में जब पूर्णतः शराबबंदी लागू है तो फिर हर जगह कैसे और किसके संरक्षण में शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। क्या जिन पर शराबबंदी को लागू कराने की जिम्मेदारी है कहीं न कहीं उनके ही लापारवाही से लोगों को जहरीली शराब पीने पिलाने का खेल चल रहा है। बिहार की सरकार शराबबंदी पर अपने ही मुंह मियां मिट्ठू बनने वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। आए दिन किसी न किसी जिले में जहरीली शराब से लोगों की जान जा रही है, लेकिन सुशासन बाबू मानने को तैयार ही नहीं है कि बिहार के हर गल्ली मुहल्ले में शराब की होम डिलीवरी और बिक्री खुलेआम शराबबंदी की धज्जियां उड़ा रही है। इससे स्पष्ट होता है कि पुलिस प्रशासन और उत्पाद विभाग के मिलि भगत से ही अबैध शराब का कारोबार फल फूल रहा है।और सरकार के संरक्षण में समानांतर इकोनॉमी खड़ा किया जा रहा है। बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने ज़ोर ज़ोर से कहा था कि जिस जिला में, अनुमंडल में या थाना क्षेत्र में शराब पकड़ा जाएगा उस जिला के पुलिस कप्तान से लेकर थाना प्रभारी एवं उत्पाद विभाग के अधिकारियों पर जिम्मेवारी निर्धारित करते हुए न सिर्फ स्थानांतरण बल्कि कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। क्या मुख्यमंत्री जी यह बता सकते हैं कि खासकर जहरीली शराब पीने से बिहार के विभिन्न जिलों में सैकड़ों लोगों की जान चली गई, कितने जिले में पुलिस कप्तान एवं अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है। इसलिए दावे के साथ कहा जा सकता है बिहार में शराबबंदी पुरी तरह फेल है, सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए शराबबंदी का ढोल पिटा जा रहा है। इसलिए जबसे शराबबंदी लागू किया गया है तबसे जहरीली शराब पीने से कितने लोगों की जान गई और कितने अधिकारियों पर कार्रवाई हुई इसपर बिहार सरकार के द्वारा को स्वेत पत्र जारी किया जाना चाहिए।