तजा खबर

रजौली के पहाड़ और एतिहासिक स्थल को बचाने व पर्यटक स्थल घोषित हो, दिल्ली में सांसद को दिया ज्ञापन

नवादा संवाद सूत्र खबर सुप्रभात

नवादा जिले के राजौली के पहाड़ों और वनों का उल्लेख रामायण में भी किया गया है लेकिन आज जरूरत है इस इतिहासिक वनों और पहाड़ों के साथ-साथ गौरवशाली पृष्ठभूमि को बचाने और संरक्षित करने का यह क्षेत्र खनिज

संपदा में भी भरपूर है लेकिन माफियाओं के द्वारा इस पूरे क्षेत्र पर मानव कब्जा जमा लिया गया है। तथा इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को विनाश किया जा रहा है यह क्षेत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि वाल्मीकि मुनि का आश्रम जहां उन्होंने रामायण की रचना की थी वह जगह रजौली प्रखंड के अंतर्गत बारत गांव है। जो आज भी प्रत्यक्ष दर्शीयो में अद्भुत सुमार उनकी कुटिया मौजूद है। और दर्शनीय बना हुआ है ककोलत जल प्रपात और कई आज भी प्रत्यक्ष दर्शीयो के लिए अनमोल उपहार और उत्साहित करने वाले विश्वसनीय संस्थाओं में अग्रणी है। बता दें कि माफियाओं द्वारा इस ऐतिहासिक एवं धार्मिक पृष्ठभूमि को ध्वस्त किए जाने के विरोध स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता विनय कुमार सिंह, अकल देव सिंह, दिलीप यादव, प्रमोद साहू (मुखिया) मानवाधिकार कार्यकर्ता दिनेश अकेला के अलावे दर्जनों प्रबुद्ध लोगों के द्वारा आवाज उठाया जा रहा है।तथा रजौली को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने की मांग किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार स्थानीय समाज सेवियों ने नवादा के सांसद चंदन सिंह को नई दिल्ली में ज्ञापन देकर ध्यान भी आकृष्ट कराया है।

1 thought on “रजौली के पहाड़ और एतिहासिक स्थल को बचाने व पर्यटक स्थल घोषित हो, दिल्ली में सांसद को दिया ज्ञापन”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *