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इलेक्ट्रानिक साक्ष्य विधि पर पैनल अधिवक्ताओ को दिया गया प्रशिक्षण, आज के परिवेश में इलेक्ट्रानिक साक्ष्य की जानकारी आवश्यक: सचिव 

औरंगाबाद से अधिवक्ता शतीश स्नेही का रिपोर्ट

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव, सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रणव शंकर द्वारा आज जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रकोष्ठ में आज प्राधिकार से जुड़े पैनल अधिवक्ताओं के साथ एक प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्राधिकार से जुड़े सभी पैनल अधिवक्ताओं को इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के प्रति जानकारी उपलब्ध कराना था। प्रशिक्षण सत्र में सचिव ने बताया कि आमतौर पर लोग दस्तावेजों को साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करना जानते हैं लेकिन जब इलेक्ट्रानिक माध्यमों का चलन हुआ और उसके तहत कार्य होने लगे तो यह आवश्यक हो

गया कि उसके लिए कानून बनें इसी उद्देश्य से सन् 2000 में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की शुरूआत की गयी एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कुछ बदलाव कर उससे जुड़े कानूनों को जोड़ा गया। सचिव ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम के विभिन्न धाराओं यथा 65ए 65ब जैसे महत्वपूर्ण प्रावधानों को पैनल अधिवक्ताओं को बताया। इसके साथ-साथ उससे जुड़े विभिन्न न्याय निर्णयों के सम्बन्ध में भी अधिवक्ताओं को जानकारी उपलब्ध कराया गया। उनके द्वारा बताया कि आम जीवन में मोबाईल, विडियो, फोटोग्राफ्, पेन ड्राईव, सीडी, सीसीटीवी कैमरा इत्यादि तथा बिहार में मद्य निषेद्य के तहत होने वाले विभिन्न जांचो को न्यायालय में प्रस्तुतीकरण स्वीकृति तथा प्रमाणीकरण के विभिन्न पहलुओं एवं तरीको को प्राधिकार से जुड़े सभी पैनल अधिवक्ताओं को जानकारी दी गयी ताकि प्राधिकार के तहत दिये जाने वाले कानूनी सहायता के अन्तर्गत किये जाने वाले वादों में बचाव में हमारा पैनल अधिवक्ता बेहतर एवं तकनीक से जुड़े साक्ष्य का भी बेहतर एवं सशक्त बचाव कर बंदियों एवं अन्य को उनके वाद से जल्द से जल्द मुक्ति दिलाने एवं न्याय दिलाने में किसी भी मायनें में प्रभावकारी और प्रतिस्पर्धी साबित हो सके। प्रशिक्षण सत्र के दौरान कई पैनल अधिवक्ताओं के द्वारा उक्त विषय पर उठाये गये प्रश्नों का समाधान किया गया। प्रशिक्षण सत्र के बाद पैनल अधिवक्ताओं ने कहा कि जिस तरह की जानकारी आज उपलब्ध करायी गयी है वह  भविष्य में वादों के बचाव पक्ष के लिए मिल का पत्थर साबित होगा और आम जीवन में जिस तरह के वाद आज के दौर मे आ रहे हैं और तकनीक और विडियो फोटोग्राफ्स से जुड़े मामलें बढ़ रहे हैं, उसमें आज का प्रशिक्षण सत्र के उपरान्त जानकारी के आधार पर कई वाद में सशक्त बचाव करते हुए उसका लाभ पहुचाया जा सकता है। कई मामले में यह देखा गया है कि अभियोजन पक्ष बहुत सारी ऐसी गलतियां करती है जिसका फायदा आज के प्रशिक्षण सत्र के बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकार से मिलने कानूनी सहायता के अन्तर्गत लेने  वाले लोगो को प्राधिकार से प्राप्त बचाव अधिवक्ताओ से मिलेगा।

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