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आखिर पक्ष विपक्ष का उम्मीदवार कौन, बीजेपी से सुशील, गोपाल शरण, रामाधार या प्रवीण इंडी से निखिल, अवधेश या अनुज

औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा

मैं औरंगाबाद हूं। मैंने अब तक 17 लोकसभा चुनाव देखे हैं। इस बार 2024 में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव होने वाला है। इन चुनाव में मैं अलग-अलग दलों के उम्मीदवारों को चुनाव लड़ते और हारते– जीतते देखा है। इस बार भी चुनावी बिसात बिछी है। हर दल और गठबंधन से उम्मीदवार आने वाले हैं। चुनावी फिजा में उनके नाम तैर रहे हैं। कई नाम है कोई अपने को किसी से कम आंकने को तैयार नहीं है। पर कहते हैं कि सब के निशाने पर वही होता है जो निवर्तमान विजेता हुआ करता है।

यही बात औरंगाबाद में भी लागू हो रही है। अभी यहां से बीजेपी के सांसद सुशील कुमार सिंह सिटिंग एमपी होने के नाते अपनी पार्टी से टिकट कंफर्म मान कर चल रहे हैं। पर उन्हें अपने ही दल के लोग चुनौती देने को तैयार हैं। ऐसे कई लोग हैं जिनकी चाहत है कि सांसद को पार्टी टिकट नहीं दे और उन्हें ही टिकट मिले। बीजेपी में ऐसे नेताओं में पार्टी के राज्य कार्य समिति के सदस्य गोपाल शरण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व विधायक रामाधार सिंह और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण सिंह के नाम शुमार है।

इतना तो तय है कि औरंगाबाद की लोकसभा सीट बीजेपी के सिटिंग होने के कारण पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। लिहाजा यह भी तय है कि पार्टी जीत की संभावना को देखकर ही उम्मीदवार का नाम फाइनल करेगी। चुकी औरंगाबाद की लोकसभा सीट अभी बीजेपी के कब्जे में है । इस वजह से विपक्ष या विपक्षी इंडी गठबंधन भी मजबूत उम्मीदवार उतारने की ही तैयारी में है। यहां भी टिकट के मामले में भाजपा वाली ही स्थिती है। औरंगाबाद में पूर्व सांसद निखिल कुमार को कांग्रेस का सर्वमान्य नेता माना जाता रहा है।लिहाजा वे ईडी गठबंधन में कांग्रेस के प्रबल दावेदार उम्मीदवार हैं। लेकिन उन्हें भी अपने दल के अंदर चुनौती दी जा रही है।

यहां भी पूर्व मंत्री अवधेश कुमार सिंह का नाम कांग्रेस के लोकसभा टिकट के प्रबल दावेदार के रूप में चर्चा में है। वहीं निखिल कुमार के पिछला दो लोकसभा चुनाव लगातार हार जाने के कारण इंडी गटबंधन की घटक आरजेडी भी इस सीट पर दावेदारी ठोक रही है। राजद की ओर से लोकसभा टिकट के दावेदार की बात करें तो प्रमुख नाम स्थानीय निकाय कोटे के विधान परिषद सीट से आरजेडी से चुनाव लड़ चुके अनुज कुमार सिंह का भी है। इन प्रमुख नाम के बीच कई अन्य छोटे दल भी औरंगाबाद की लोकसभा सीट पर उम्मीदवार उतारने को बेताब दिख रहे हैं ।बहरहाल दलों में टिकटार्थियों के तैरते नामो के बीच जनता ही असली मालिक है।