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वाल्मीकि की राम कथा सामाजिक समरसता की संवाहिका

अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा

आदि कवि वाल्मीकि जयंती सप्ताह समारोह के आलोक में प्रसिद्ध शतखंडी धाम के समीप स्थित रविकर गांव में जनेश्वर विकास केंद्र के तत्वावधान में रामायण के प्रणेता आदि कवि वाल्मीकि की जयंती सोल्लास मनाई गई। इस जयंती समारोह की अध्यक्षता पं. रामप्रवेश मिश्र तथा इसका कुशल

संचालन वरीय अधिवक्ता एवं महोत्सव पुरुष के नाम से चर्चित सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने किया ।सर्वप्रथम आगत अतिथियों ने महर्षि वाल्मीकि के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी‌। तत्पश्चात दीप प्रज्वलित कर विधिवत कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । विनय कुमार मिश्र के स्वागत भाषण के बाद ,मुख्य अतिथि के रूप में पधारे पंचदेव धाम के संस्थापक और जिले के बड़े समाजसेवी अशोक कुमार सिंह ने कहा कि आज राम कथा का आश्रय लेना परम अपेक्षित है। क्योंकि राम कथा के माध्यम से ही सामाजिक विकृतियों को नष्ट किया जा सकता है अपनी बातों को रखते हुए डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्र ने कहा कि वाल्मीकि की राम कथा सामाजिक समरसता की संवाहिका है। चूंकि श्रीराम एक ऐसे चरित्र नायक हैं जिनकी नजर में उच्च नीच ,अमीर गरीब ,स्त्री पुरुष विभेद की दृष्टि नहीं है । कवि राम किशोर सिंह एवं लवकुश सिंह ने काव्य पाठ के माध्यम से वाल्मीकि को अपनी श्रद्धा निवेदित की ।विश्व हिंदू परिषद के अधिकारी जयनंदन पांडेय, गौ रक्षा समिति के प्रमुख बागी जी ,रवीन्द्र जी, प्रभृत्ति वक्ताओं ने सनातन संस्कृति के उन्नायक के रूप में वाल्मीकि को चित्रित किया ‌‌।
संचालन के क्रम में सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने इस बात से अपनी सहमति जताई के निश्चाय ही राम कथा एक ऐसी मंदाकिनी है जिसमें स्नान करने से व्यक्ति के सारे कल्मस विभेद मिट जाते हैं। इस अवसर पर मुख्य रूप से जिन सज्जनों ने अपनी बातें रखीं,उनमें सुमन अग्रवाल ,चंचल सिंह ,मुखिया निशा सिंह ,लालदेव प्रसाद , रामजी सिंह सुरेश विद्यार्थी आदि प्रमुख थे। इस जयंती समारोह में जिनकी गरिमा में उपस्थित रही, उनमें श्रीमती चंद्रावती देवी ,रंजीत कुमार, अभियंता विंग के अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार सिंह , प्रमोद सिंह, धर्मेन्द्र कुमार सिंह, आदि थे ।
अध्यक्षीय उद्बोधन के बाद कार्यक्रम संयोजक शतखंडी न्यास समिति के सचिव राजेंद्र सिंह आगत अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सामाजिक समरसता हेतु महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करने वाले श्री रामप्रवेश मिश्रा, महेश पाठक , दउधऐश्वर राम , राजेंद्र सिंह, जितेन्द्र मिश्रा, सुरेंद्र राम, शालनी कुमारी, हर्ष कुमार, गौरी कुमारी, ओंकार मल राम आदि को अंगवस्त्रम देखकर, मुख्य अतिथियों के हाथों सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त सनातन संस्कृति के प्रति अभिरुचि रखने वाले समाज के कुछ मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया गया।
अंत में पंचदेव धाम की सीमा पांडेय के द्वारा ग्रामीण महिलाओं को जिनमें दलित महिलाओं की संख्या अधिक थी , उन्हें देसी गाय के गोबर से दीपक तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया और बताया गया कि इसे कुटीर उद्योग के रूप में अपना कर वे स्वावलंबी हो सकती हैं। ्इस अवसर पर ग्रामीणों के अतिरिक्त ,दलित महिला और पुरुषों की उपस्थिति रही ।

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