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परिवार न्यायालय से संबंधित जिला विधिक संघ में विधिक जागरूकता संगोष्ठी संपन्न।

औरंगाबाद से सतीश स्नेही , अधिवक्ता का रिपोर्ट।

आज जिला विधिक संघ औरंगाबाद में परिवार न्यायालय से सम्बंधित विधिक विषयों पर संगोष्ठी आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि मनोज कुमार तिवारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार औरंगाबाद थे, कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला विधिक संघ औरंगाबाद के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह और संचालन कोषाध्यक्ष नवीन कुमार सिंह ने किया, धन्यवाद ज्ञापन महासचिव नागेंद्र सिंह ने किया, सर्वप्रथम जिला विधिक संघ के अध्यक्ष एवं सचिव ने जिला जज को बुर्के देकर सम्मानित किया उसके बाद स्वागत भाषण जिला विधिक संघ औरंगाबाद के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह ने किया उन्होंने कहा समाज के प्रति अधिवक्ता समाज को अपने दायित्वों को निर्वहन करते रहना चाहिए और परिवार न्यायालय के बढ़ते मामलों को सुलझाने में अधिवक्ता समाज अहम भूमिका निभा सकता है जिसके लिए बेंच हर कदम हमें सहयोग को तैयार है, बार ओर बेंच मिलकर न्यायपालिका बनती है हम एक महत्वपूर्ण सामाजिक विषय पर बहुप्रतीक्षित सेमिनार आज बेंच के सहयोग से कर रहे हैं,प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सुदीप पाण्डेय ने बताया कि यदि अधिवक्ता अपने मुवक्किलों को समझाएं तो बहुत से केश स्वत समाप्त हो जाए जो कि परिवार न्यायालय का उद्देश्य भी है दुसरी बात परिवार न्यायालय के वाद में कुसंयोजन न करे, क्योंकि आपका लड़ाई सिर्फ पति से है,एडिजे दिनेश कुमार प्रधान ने बताया कि हम भी पत्नी से लड़ते हैं मगर घर के अन्दर प्यार से,घर के बाहर आवाज नहीं जाती है जीवन संग जीना है तो ऐसी स्थिति न आए की वैवाहिक जीवन में किसी तिसरे से हस्तक्षेप लेना पड़े, एडीजे सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार औरंगाबाद के सचिव प्रंनव शंकर ने कहा कि दस साल पहले से ही बिहार में सर्वाधिक वाद भादवी की धारा 498ए की थी जो अब न्यायालय में लम्बित मामलों में बड़ा स्थान रखता है,वार और बेंच में वही सम्बंध है जो श्री कृष्ण और अर्जुन में था आप सभी मिलकर परिवार को बचाएं ,कम से कम मुकदमे न्यायालय में आने दे, मध्यस्थता का वाद के पुर्व लाभ ले,वाद हुआ तो ट्राइल से पुर्व लाभ ले लाभ दे, जिला विधिक सेवा प्राधिकार औरंगाबाद के मध्यस्थता केन्द्र हमेशा सभी को लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है, 498ए के वाद में नाबालिग का नाम न दे,जिला जज मनोज कुमार तिवारी ने कहा कि हम परिवार न्यायालय के एक मुकदमे कर कई मुकदमे का जन्म देते हैं , पति पत्नी के बीच हुई लड़ाई में बच्चों के भविष्य अंधकारमय हो जाता है, कुछ गलतफहमियां,कुछ झुठा शंका ,तो कहीं परिवारिक दायित्वों को निभाने में पति के लपरवाही ,तो कहीं एक दुसरे के परिजनों का अनादर भी परिवारिक विवाद के कारण हो जाते हैं,बार ओर बेंच को यह भी चिंतन करना है कि परिवार न्यायालय में अधिकांश मामले साधारण परिवार का आते हैं जिनके लिए रोजीरोटी मुख्य मुद्दा होता है,हम अपने समाज के बच्चों को अभिभावक सुख देने का प्रयास करना है ताकि मार्गदर्शन के अभाव में उनमें अपराधिक प्रवृत्ति न आए, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने भी सेमिनार सफल बताया, अधिवक्ता प्रमेन्द्र मिश्रा ने इस आयोजन को समाज के लिए सुखद क्षण बताया, इसके बाद जिला विधिक संघ औरंगाबाद के मीडिया प्रभारी अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही को विधिक मीडिया को के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान 2016 से करते रहने के लिए प्रशस्तिपत्र और टाफी देकर प्रसंशा करते हुए सम्मानित किया गया और उज्वल भविष्य की कामना किया,यह सम्मान जिला जज, जिला विधिक संघ के अध्यक्ष और महासचिव ने प्रदान किया, प्रशस्तिपत्र अधिवक्ता चंद्रकांता कुमारी को पुस्तकालय में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया, प्रशस्तिपत्र अधिवक्ता देवकांत को पर्यावरण में उल्लेखनीय कार्य केलिए दिया गया, अंत में जिला विधिक संघ औरंगाबाद के महासचिव नागेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन कर सभी जजों और जिला विधिक संघ औरंगाबाद के सदस्यों का सफल आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया, और इस आयोजन को समाज के लिए उपयोगी बताया,
यह जानकारी अधिवक्ता सह मीडिया प्रभारी अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने दी

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