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जंगल व झुंड भटके हाथी फुलवरिया के पास सङक पर घुम रहा है, डीएफओ समेत दर्जनों वनकर्मी परेशान होकर कर रहे हैं कैम्प, अफरा-तफरी:- झुंड से बिछङे हाथी से सतर्कता और बचाव को लेकर वन विभाग द्वारा चलाया जा रहा जागरुकता अभियान।

डीके अकेला का रिपोर्ट


रजौली प्रखंड क्षेत्र में झारखंड के रास्तों बिहार में प्रवेश करने वाले झुंड से बिछङे हाथी की सूचना पर लोगों में भयंकर दहशत व्याप्त है। हलांकि किसी के हताहत होने या नुकसानी होने की सूचना अभी तक नहीं मिली है। बीते दो दिनों से डीएफओ नवादा संजीव रंजन, प्रशिक्षु डीएफओ कृष्ण कुमार श्रेष्ठ, रेंजर मनोज कुमार, प्रशिक्षु रेंजर अनुप्रिया कुमारी व श्वेता कुमारी के अलावे महिला व पुरुष वनरषी जंगली छेतरो में कैम्प कर रहे हैं। डीएफओ नवादा संजीव रंजन ने बताया कि बीते दो दिन पूर्व झारखंड के कोडरमा के वन पदाधिकारियों ने बताए कि जंगली छेतरो के रास्ते दिबौर के जंगल में एक हाथी प्रवेश कर गया है। उक्त सूचना के आलोक में वनकर्मियों की सहायता से हाथी को आबादी वाले छेतर से दूर जंगली छेतर से भेजने को लेकर प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि फुलवरिया डैम्प से हाथी को नावाडीह के दूर जंगल में भेज दिया गया है,जो गया वन क्षेत्र की ओर चला गया है।साथ ही उन्होंने कहा कि बीते 12 घन्टों से रजौली वन क्षेत्र में हाथी नही दिखाई दिया है। फिर भी वनकर्मियों को लगातार हाथी पर गहरी नजर बनाए रखने को सतर्कता पूर्वक निर्देशित किया गया है। डीएफओ ने कहा है कि जंगली छेतर आसपास के लोगों को हाथी से बचाव को लेकर जागरूक किया जा रहा है। हाथी अपने रास्ते में आने वाले लोगों पर भी हमला कर रहा है।ग्रामीणों से अनुरोध व अपील किया गया है कि हाथी पर ढेला आदि नहीं मारना है।अगर किसी ग्रामीण को कहीं भी हाथी दिखे ,तो वे वन विभाग को अविलंब सूचित करें। साथ ही ग्रामीणों से रात्रि में बाहर नहीं निकलने की सलाह भी दी है। 3 साल पहले भी आया था हाथियों का झुंड और काफी कोहराम मचाया। रजौली प्रखंड क्षेत्र में बीते वर्ष 2021 के अक्तूबर माह में हाथियों का एक झुंड रजौली प्रखंड व क्षेत्र में प्रवेश कर गया था।आबादी क्षेत्र से जंगली छेतर में भेजने के लिए वन कर्मियों के पसीने छूट गए थे। वहीं हाथियों ने कुछ घरों और फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया था। अन्ततः पश्चिम बंगाल से हाथी भगाने के लिए एक विशेष टीम को बुलाया गया था। तब जाकर हाथियों को रजौली वन क्षेत्र से बाहर किया गया था। रजौली प्रखंड क्षेत्र के लोग तब राहत की सांस ली।