केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात समाचार सेवा
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सैंकड़ों किसानों ने अनाज मंडी जगाधरी गेट पर उपायुक्त कार्यालय के सामने इकट्ठे होकर भारतीय किसान यूनियन( टिकैत) के जिला प्रधान सुभाष गुर्जर, अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष जरनैल सिंह सांगवान व अखिल भारतीय किसान सभा (अजय भवन) के राज्य उपाध्यक्ष धर्मपाल चौहान की अध्यक्षता में धरना व प्रदर्शन करके मोदी सरकार द्वारा समझौते के उल्लंघन के खिलाफ नायब तहसीलदार जगाधरी के माध्यम से राष्ट्रपति द्रोपदी
मुर्मू महोदया को ज्ञापन भेजा व हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल का पुतला पेड़ पर लटका कर विरोध प्रदर्शन किया। क्योंकि एक सभा में जेपी दलाल ने किसानों की बहू बेटियों पर आपत्तिजनक व अभद्र टिप्पणी की थी, व प्रस्ताव पास करके यमुनानगर जिले में कृषि मंत्री जेपी दलाल के आने पर विरोध करने का निर्णय लिया है और प्रशासन से अपील की कि जिला यमुनानगर में ऐसे मंत्री का कोई प्रोग्राम ना करवाया जाये। किसान नेताओं ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 2020 में कॉर्पोरेट समर्थक तीन कृषि कानून थोपने का निर्णय लिया था जिसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने इन तीनों कृषि कानूनों को काले कानून बताते हुए 13 महीने राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर लाखों किसानों ने आंदोलन किया था। जिसके कारण केंद्र सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल द्वारा हस्ताक्षरित 9 दिसंबर 2021 के लिखित पत्र के आधार पर एस के एम के साथ एक समझौता किया था जिसके आधार पर एसकेएम ने ऐतिहासिक किसान संघर्ष को स्थगित किया था। समझौते के अनुसार सभी दर्ज मुकदमे वापस लेने का वायदा किया गया था। लेकिन अब जिस प्रकार से पुरानी एफ आई आर को आधार बनाकर किसान नेता युद्धवीर सिंह को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रोका गया व अन्य किसान नेताओं को नोटिस भेज कर निशाना बनाया जा रहा है वह निंदनीय है और समझौते का खुला उल्लंघन है। दो साल के ऐतिहासिक संघर्ष के बाद अब केंद्र सरकार ने कॉर्पोरेट ताकतों की सेवा करने के उद्देश्य से हाल ही में न्यूज क्लिक पर दर्ज एफआईआर में किसानों के संघर्ष के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए हैं और किसानों के संघर्ष को राष्ट्र विरोधी, विदेशी ताकतों और आतंकवादी ताकतों द्वारा वित्त पोषित बताया गया है एसकेएम ऐसे निराधार आरोपों का पुरजोर खंडन करता है और इसे भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति के स्वतंत्रता के अधिकार पर और मीडिया पर हमला मानता है। किसान नेताओं ने कृषि मंत्री जेपी दलाल की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी की मांग करते हुए कहा कि किसानों के परिवारों पर बेहूदा आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मंत्री को तुरंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा ।
प्रदर्शन को महिपाल चमरौड़ी, प्यारेलाल तवंर ,विजयपाल, मानसिंह पंजेटा , नैब सिंह ,विपिन बराड़ , सुखदेव ,अजमेर सिंह संधू,राजकुमार मांडखेड़ी, सुभाष हड़तोल, जनक पांडों , पवन गोयल,कश्मीरी लाल ,कृष्णपाल सुढल, साहब सिंह एडवोकेट ,संजय चमरौड़ी,सुखबीर सिंह,वेदपाल व अन्य ने संबोधित किया।