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क्या औरंगाबाद में पेयजल संकट बनेगा चुनावी मुद्दा?

औरंगाबाद ख़बर सुप्रभात समाचार सेवा

चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 का तिथि शनिवार को शाम 3 बजे के बाद घोषित कर दिया है। पुरे देश में 7 चरणों में चुनाव कराया जाएगा। बिहार के औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र में प्रथम चरण यानी 19 अप्रैल को चुनाव संपन्न हो जाएगा। चुनाव के घोषणा होते ही औरंगाबाद शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी तापमान में उबाल आने लगा है। 19 अप्रैल तक एक तरफ़ जहां चुनावी पारा परवान पर रहेगा  वहीं मौसम का पारा भी परवान पर

रहेगा। चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़े तो ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों के मतदाता खाने के लिए मजबूर होंगे वहीं पेयजल संकट से भी मतदाता हर साल के तरह जूझेंगे और इस लिए शहर से पलायन इस वर्ष भी करेंगे। चुके मार्च महीने का तीसरा सप्ताह भी समाप्ति के ओर है लेकिन अभी तक जिला प्रशासन द्वारा संभावित पेयजल संकट से निपटने के लिए संवाद लिखे जाने तक कोई कारगर तैयारी नहीं करने का जानकारी है। ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्तर नीचे जाना अभी से संकेत देने लगा है। जिला मुख्यालय औरंगाबाद में जसोइया स्थिति श्री सीमेंट फैक्ट्री में एग्रीमेंट के विरुद्ध दर्जनों बोरिंग चलने से जिला मुख्यालय में पेयजल संकट बिकराल रुप धारण कर लेता है और तब शहरवासी पेयजल संकट से जूझते हुए शहर से पलायन करने लगते हैं। लेकिन जिला प्रशासन ही नहीं बल्कि स्थानीय जनप्रतिनिधि भी श्री सीमेंट के मनमानी से बेखबर आखिर क्यों रहते हैं यह तो लोकसभा चुनाव के दौरान भिन्न भिन्न प्रत्याशियों से मतदाता पुछेंगे और उम्मीद है कि पेयजल संकट भी इस बार चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बनेगा।