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क्या स्वातंत्र्यवीर शहीद-ए -आजम भगतसिंह और बाबा बीआर अंबेडकर के सपनों का यही भारत है ?( राजस्थान के जालोर जिले में एक दलित बच्चे को पानी पीने के कथित अपराध पर उसके साथ की गई नृशंसता पूर्वक पिटाई से हुई उसकी मौत की वेदना से आहत होकर लिखा गया लेख

(गाजियाबाद) से निर्मल शर्मा का आलेख

_ब्रिटिशसाम्राज्यवादियों के बूटों तले रौंदे जा रहे भारत को आजाद कराने के पीछे    स्वातंत्र्यवीर शहीद-ए-आजम भगतसिंह और बाबा भीमराव अम्बेडकर के सपनों के भारत में जातिविहीन,वर्णविहीन,धर्मविहीन केवल और केवल इंसानियत के आधार पर भारतीय गणराज्य की स्थापना करनी थी,लेकिन बहुत दुःख की बात है कि आज भारत की सत्ता पुन : उन्हीं घोर जातिवादी,वैमनस्यतावादी और सांप्रदायिक शक्तियों ने भारत की सत्ता पर कब्जा कर लिए हैं, जिनकी वजह से ये देश कई हजार सालों तक जातिवादी क्रूरता,बर्बरता और घोर अत्याचारों से यहां की कथित 85प्रतिशत जातियां त्रस्त रहीं हैं ! और इसी वजह से ये देश चाहे यूनानी हों,मुस्लिम हों या अंग्रेज हों से पदाक्रांत होकर लगभग 2000सालों तक गुलाम रहा है !_
              _सबसे बड़े दु :ख की बात है कि कथित रूप से वर्ष 1947में इस देश के  ब्रिटिशसाम्राज्यवाद से मुक्ति के 75 साल के बाद  आज भी  यह देश केवल 15प्रतिशत कथित तौर पर उच्च जातियों की वजह से इस देश की 85प्रतिशत कथित नीची जातियों के प्रति किए जाने वाले जातिवादी वैमनस्यता,ऊंच-नीच,अश्यपृश्यता,भेदभावपूर्ण व्यवहार,बलात्कार,मारपीट और जघन्यतम् हत्या आदि कुकृत्यों से बुरी तरह आक्रांत और कराह रहा है !_

*_दलित बच्चों की हत्या से बिल्कुल अनजान हमारे प्रधानमंत्री जी ‘कथित अमृत महोत्सव ‘मनाने में व्यस्त !_*
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              _अभी राजस्थान के जालोर जिले के सायला क्षेत्र के सुराणा गांव स्थित आरएसएस द्वारा संचालित एक प्राइवेट स्कूल सरस्वती विद्यालय में उसी स्कूल के घोर जातिवादी हेडमास्टर द्वारा एक दलित बच्चे के साथ की गई लोमहर्षक बर्बरता और दरिंदगी एक संवेदनशील व्यक्ति के दिल-दिमाग झकझोर देने के लिए पर्याप्त है !_
                  _मिडिया में आ रही खबरों के अनुसार पिछले महीने 20 जुलाई 2022को उक्त वर्णित सरस्वती विद्यालय,जिसमें उक्त घोर जातिवादी व्यक्ति हेडमास्टर है,में पढ़ने वाले एक 8 वर्षीय दलित छात्र ने प्यास बुझाने के लिए गलती से एक ऐसे मटके से पानी पी लेने का कथित इतना गंभीर अपराध कर दिया कि इस बात से उक्त हेडमास्टर इतना क्रोधित हुआ कि उस दलित बच्चे को इतनी बुरी तरह से पिटाई किया कि वह इस बर्बर कांड के 23दिनों बाद दम तोड़ दिया !_
            *_राजस्थान राज्य के मुख्यमंत्री ने अपना घिसा-पिटा यह बयान दे दिया है कि ‘आरोपी शिक्षक के विरूद्ध हत्या व एससी / एसटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। त्वरित जांच और जल्द सजा दिलाने के लिए यह केस आफिसर स्कीम में लिया गया है । परिजनों को 5लाख की सहायता दी जाएगी ! ‘_*
                *_दूसरों को मौन की नसीहत देनेवाले कथित कई सदियों बाद बने सबसे महान, स्वप्नदृष्टा और काबिल प्रधानमंत्री श्रीयुत् श्रीमान नरेंद्र दास दामोदरदास मोदी जी ऐसे छोटे-मोटे, महत्वहीन दुर्घटनाओं के बाद अक्सर खुद मौन साध लेते हैं ! वह इस देश के स्वतंत्र होने के 75वें वर्ष में कथित ‘अमृत महोत्सव ‘मनाने में व्यस्त हैं !_*
              *_ज्ञातव्य है कि इसी राजस्थान राज्य में अभी इसी वर्ष 15 मार्च 2022 को जितेन्द्रपाल मेघवाल नाम के दलित समाज के एक युवक की जातिवादी गुंडों ने नृशंसता पूर्वक चाकू गोदकर हत्या कर दी थी ! जिसके दोषी को आज 4महीने बाद भी कोई सजा नहीं मिली है !_*

*_मोदी के कथित सुराज में दलितों पर अत्याचार में अत्यधिक बढ़ोत्तरी !_*
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             _अब आइए मोदीराज में दलितों पर कथित उच्च जातियों के गुंडों द्वारा किए जा रहे हमले के कुछ आंकड़े भारत सरकार के ही एक संस्थान राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों पर दृष्टिपात करें । वर्ष 2019 में दलितों पर हिंसा के मामले में वर्ष 2018 की तुलना में 7.3प्रतिशत की वृद्धि हुई है,जहां 2018 में दलितों के खिलाफ हिंसा के 42793 मामले दर्ज हुए,वहीं वर्ष 2019 में उनके खिलाफ 45935 मामले दर्ज किए गए ! इसी प्रकार अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ कथित उच्च जातियों के अत्याचार के मामले में वर्ष 2018 के मुकाबले वर्ष 2019में 26.5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई उदाहरणार्थ वर्ष 2018 में उनके साथ 6528 अपराधिक मामले दर्ज किए गए,वहीं 2019में उनके खिलाफ 8257मामले दर्ज हुए !वैसे सामाजिक विशेषज्ञों के अनुसार राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े भी बिल्कुल सही नहीं होते,क्योंकि भारत के जातिवादी वैमनस्यता और  क्रूरता से भरे समाज में पुलिस,प्रशासन, न्यायालयों आदि में सब जगह कथित रूप से उच्च जातियों का ही वर्चस्व है,इसलिए दबे-कुचले, गरीब,असहाय,अशिक्षित दलित समुदाय के खिलाफ हुए बहुत से अपराधिक मामलों को स्थानीय स्तर पर ही दबा दिया जाता है !_
 
*_दलितों पर अत्याचार के मामले में सभी बीजेपी शासित राज्य टाप पर !_*
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          _यह भी उल्लेखनीय है कि अपराध के मामले में लगभग सभी बीजेपी शासित राज्य टाप पर हैं,विडंम्बना देखिए जहां जम्मू कश्मीर,त्रिपुरा, नागालैंड,मिज़ोरम,मेघालय आदि राज्य दलितों से अपराधिक मामलों के संबंध में बिल्कुल निरापद राज्य हैं,वहां दलितों के खिलाफ एक भी मामला दर्ज नहीं है ! वहीं दलितों के खिलाफ अपराधिक मामलों में एक मंदिर के मठाधीश कथित योगी मुख्यमंत्री द्वारा शासित उत्तर प्रदेश राज्य कथित उच्च जातियों द्वारा दलित समुदाय से उत्पीड़न के मामले में देश भर में टाप पर है ! यह भी उल्लेखनीय है कि गैर बीजेपी शासित दक्षिण के लगभग सभी राज्य दलितों के उत्पीड़न के मामले में बिल्कुल स्वच्छ छवि वाले हैं !_
 
*_भारत में कानून तो बहुत,लेकिन उनका सही क्रियान्वयन ही नहीं !_*
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            *_कुछ समाजशास्त्रियों के अनुसार ‘भारत में कानून तो बहुत हैं लेकिन उनके क्रियान्वयन में बहुत कमी है ! ‘_*_भारत में सामाजिक कोढ़ रूपी जाति की ऐसी दुरूह व्यवस्था अभी भी बनी हुई है जिसकी वजह से कथित उच्च जातियां अभी भी दलितों को बराबरी का दर्जा देने की बात तो छोड़िए,उन्हें अभी भी मनुष्य तक मानने को तैयार नहीं हैं ! यहां भारतीय न्याय व्यवस्था भी ऐसी है,जिसमें एक निर्धन,दलित समुदाय न्याय पा ही नहीं सकता ! भारतीय समाज की विडंबना यह भी है कि पिछले हजारों साल से एक जाति विशेष का ही शिक्षा पर विशेषाधिकार रहा है ! पिछले लगभग 3 हजार सालों से भारतीय समाज के कुछ बहुत ही धूर्त और कुटिल वर्ग की साजिश से भारतीय मेहनतकश वर्ग को कुटिलता पूर्वक शूद्रों की श्रेणी में लाकर उन्हें शिक्षा से ही वंचित कर दिया गया था,एक-आध शूद्र शिक्षा प्राप्त करने की कोशिश किए तो भारतीय पौराणिक पुस्तकों में वर्णित कथा-कहानियों के अनुसार तत्कालीन शासक उनके कान में गर्म सीसा डलवाने,उनकी जीभ काट लेने और उनके सिर तक काट लेने की कठोरतम् सजा दिए जाने के अनेक उदाहरण भरे पड़े हैं ! लेकिन अब पिछले 71सालों से भारतीय समाज की इस विषमता को पाटने के लिए आरक्षण की संवैधानिक कोशिश को वर्तमान सत्ता के कर्णधार अपनी पैतृक कुटिलतम् और घोर जातिवादी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे  संगठन बड़े सरकारी संस्थानों तथा रेलवे, बीएसएनएल, इंडियन ऑयल आदि जैसे सैकड़ों संस्थानों का निजीकरण करके उस आरक्षण व्यवस्था को ही खत्म करके दलितों में आई कुछ आर्थिक रूप से सम्पन्नता को फिर से मटियामेट करके दलितों को फिर से पददलित और ग़रीबी के दलदल रूपी गड्ढे में फिर धकेलने का जोरदार प्रयास करने के कुप्रयास में एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं,ताकि भारत का पूरा दलित और पिछड़ा समुदाय आरक्षण से प्राप्त सुविधा के उपयोग से ही वंचित हो जाय !_

*_भारत में प्रतिदिन 88 दलित बच्चियों से बलात्कार – नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो_*
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                 _भारत सरकार की ही एक संस्थान नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की वर्ष 2019 की रिपोर्ट यह चीख-चीखकर बोल रही है कि इस कथित हिन्दू धर्म बहुल राष्ट्रराज्य भारत में केवल 1साल में 32033 दलित बच्चियों के साथ कथित उच्च जातियों के गुँडों ने बलात्कार किए मतलब प्रतिदिन 88 बलात्कार यानी हर 20 मिनट में इस देश के किसी भूभाग पर किसी गरीब,कमजोर, दलित की बेटी की अस्मत कथित उच्च जातियों के दरिंदे लूट रहे होते हैं और ज्यादेतर मामलों में सबूत मिटाने के लिए वैशाली और हाथरस जैसे उन बच्चियों की निर्मम हत्या भी कर देते हैं !_

*_छोटे -छोटे कारणों पर जातिवादी गुंडों द्वारा दलितों की सरेआम हत्या !_*
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                 _इसके अतिरिक्त इसी देश में कहीं अपनी शादी में घोड़ी पर बैठने,कहीं मेज पर खाना खा लेने,कहीं फसल न काटने,कहीं गाय की खाल को न उतारने,कहीं कथित उच्च जातियों के श्मशानघाट में दलित के शव को जलाने के अपराध में,कहीं मूँछ रख लेने मात्र के कथित अपराध में दलित नवयुवकों की जातिवादी गुँडें बुरी तरह सरेआम पिटाई करते नजर आ रहे हैं और उनकी निर्मम हत्या तक कर रहे हैं ! कथित हिंदू धर्म में दलित जातियों के साथ उक्तवर्णित इस तरह की अमानवीय व घिनौनी हरकत होने पर कौन दलित इस नारकीय हिंदू धर्म में रहना चाहेगा ! इस स्थिति में तो स्वाभाविक रूप से वह ऐसे धर्म में जाना चाहेगा,जहाँ उसकी,उसकी बीवी,बहन और बेटियों की इज्जत और आबरू कम से कम सुरक्षित रहे ! क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मोहनभागवत व दत्तात्रेय होसबोले जैसों को यह मोटी सी बात समझ में नहीं आ रही है ? क्या उक्त दृष्टांतों की सूचना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सबसे बड़े सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले को नहीं मिलती है  ! जरूर मिलती होगी,तो क्या इन अमानवीय अत्याचारों पर उन्हें अपने सद् विचार तो प्रकट करनी ही चाहिए ! लेकिन वे इन मामलों में क्यों बोलेंगे , क्योंकि उन्हीं जातिवादी आरएसएस के जातिवादी वैमनस्यतावादी विचारधारा से प्रभावित होकर ये गुंडे देशभर में दलित बच्चियों से बलात्कार और दलित समुदाय के युवकों की जघन्य हत्या कर रहे हैं !_
 
*_कथित भारतीय न्याय और पुलिस व्यवस्था में दलितों को कभी न्याय नहीं,ईंट का जबाव पत्थर से देना ही होगा !_*
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             _लेकिन कटुसच्चाई और वास्तविकता यह है कि आरएसएस के मुखिया मोहनभागवत या होसबोले जैसे जातिवादी कुप्रथा को भारतीय समाज में बरकार रखनेवाले विकृत सोच के मानवेत्तर लोग यह कदापि नहीं चाहते कि इस देश से जातिवादरूपी कोढ़ और जातिवादी वैमनस्यता कभी समाप्त हो ! इन मनुष्य रूप में नरपिशाचों और शैतानों की बहन-बेटियों और इनके साथ उक्तवर्णित अमानवीय, वीभत्स व्यवहार होने लगे तो कथित हिंदू धर्म को बचाने की इनकी हेकड़ी मिनटों में निकल जाय !_ *_अब समय आ गया है कि 85 प्रतिशत बहुजन समाज भी संगठित और सशक्त होकर अपनी और अपनी बहन-बेटियों की इज्जत पर डाका डालनेवाले कथित उच्च जाति के दरिंदों के साथ ‘जैसे को तैसा ‘और ‘ईंट का जबाब पत्थर से दें ‘ तभी इसका सही समाधान होगा,इसके अलावे इसका कुछ भी समाधान नहीं है !_*

*_इस देश के 85 प्रतिशत बहुजन समाज शादी संबंध बनाकर जातिवाद के नाश की पहल करें_*
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                 _इस समस्या का सर्वोत्तम समाधान यह है कि 85 प्रतिशत बहुजन समाज आपस में वैवाहिक संबंध बनाए और पूरे 84 प्रतिशत भारतीय समाज के लोग गोलबंद होकर इन 3.5 प्रतिशत कुटिल और धूर्त कथित उच्च जातियों के गुंडों से मुकाबला करें,तब वे अवश्य विजयी होंगे,तभी इस देश में वास्तविक समता, न्याय और शांतिपूर्ण समाज की स्थापना होगी ! यहां के नीचे से ऊपर तक के न्यायालयों में भरे उच्च जातियों के कुटिल वह निकृष्ट सोचवाले जजों से इस देश के 85 प्रतिशत दलितों और पिछड़ों को न्याय की आशा करना बिल्कुल व्यर्थ की बात है ! इसका समाधान यही है कि दलितों को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए हर हाल में आरक्षण की व्यवस्था बरकरार रहे,पूरे देश में सम्पत्ति का बंटवारा समान रूप से हो और सामाजिक समरसता और जातिवादी वैमनस्यता और कोढ़ को समाप्त करने के लिए अंतर्जातीय शादियों को समाज और सरकार की तरफ से जोरदार प्रोत्साहन मिले, लेकिन उक्त वर्णित समाधान तब तक नहीं हो सकता,जबतक केन्द्र में बैठी घोर जातिवादी और फासिस्ट मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल न कर दिया जाय ! दलितों की हत्या और उनकी बेटियों से बलात्कार बीजेपी और आरएसएस के भावी कथित आदर्श हिन्दू राष्ट्र में दलितों की हत्या एक भयावह नमूना भर है !

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