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पटना – गया – औरंगाबाद में नक्सली बिजय आर्य के ठिकानों पर एनआईए का एक साथ छापेमारी , वैचारिक मतभेद रखने वाले को भारत सरकार मार देना चाहती है : श्याम सुंदर

पटना/औरंगाबाद संवाद सूत्र खबर सुप्रभात

राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने बिहार के औरंगाबाद गया व राजधानी पटना में सिर्फ नक्सली नेता विजय आर्य के ठिकानों पर अहले सुबह से छापेमारी कर रही है। विजय आर्य फिलहाल बेउर जेल में बंद है। विजय आर्य भाकपा (माओवादी) के केन्द्रीय कमिटी का सदस्य है। एनआईए विजय आर्य के सभी रिश्तेदारों से पूछताछ कर रही हैं 

माओवादी के केन्द्रीय कमिटी सदस्य विजय आर्य के पटना के शास्त्रीनगर स्थित एजी कालोनी में बेटा,  औरंगाबाद जिले के गोह के महेश परासी स्थित बेटी जिला पार्षद शोभा कुमारी, गया जिले के कोच थाना अंतर्गत करवा गांव स्थित पैतृक आवास तीनों जगहों पर सुबह 5 बजे से ही एनआईए ने छापेमारी की हैं और रिश्तेदारों से पूछताछ कर रही हैं । जानकारी के अनुसार कोर्ट से सर्च वारंट निर्गत किया है । विजय आर्य के परिवार द्वारा पूछताछ में सहयोग करने की जानकारी भी प्राप्त हुई है ।माओवादी नेता विजय आर्य को 6 माह पहले सासाराम से दो लोगों के साथ गिरफ्तार किया था । नक्सल पृष्ठ भूमि में विजय आर्य का बड़ा नाम है और माओवादी संगठन का रीढ़ माना जाता है। हालांकि विजय आर्य लंबे समय तक जेल में रहे हैं। जमानत पर छूट कर आने के बाद वह फिलहाल अपने गांव में रह रहे थे उसके कुछ दिनों बाद वह बनारस से गायब हो गये। और फिर से माओवादियों के बीच सक्रिय होकर विंध्यवासिनी जोन में संगठन को मजबूत करने लगे। इसीबीच आईबी की विशेष टीम ने रोहतास पुलिस की मदद से विजय आर्य को सासाराम से गिरफ्तार कर लिया।

छापेमारी के प्रतिक्रिया स्वरूप विजय आर्य के दामाद श्याम सुंदर ने खबर सुप्रभात को बताये कि भारत सरकार वैचारिक मतभेद रखने वाले को परेशान करने और मारदेना चाहती है। उन्होंने आगे बताये कि मैं लोकतंत्र का सम्मान करता हूं और राजद का सिपाही हूं एवं मेरी पत्णी भी लोकतांत्रिक पद्धति में विश्वास करती है और जनता द्वारा चुनी हुई जनप्रतिनिधि है तथा जिला परिषद के सदस्य हैं। श्याम सुंदर ने आगे बताये कि विजय आर्य 8 बर्ष तक जेल में रहे और न्यायालय द्वारा बाईजत बरी होकर बाहर आए और फिर उन्हें फर्जी मुकदमों में फसाकर जेल भेज दिया गया।

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