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सुखे के मार झेल रहे किसान , अभी तक पर्याप्त मात्रा में बर्षा नहीं होने से नहरों तथा सरकारी नल कूप भी दे रहा है जबाब, किसान भूखमरी और पलायन के कगार पर , विदर्भ क्षेत्र के तरह बिहार में भी कहीं किसान आत्म हत्या जैसे जघन्य अपराध पर उतारू न हो जाएं इसका सता रहा भय ।

केन्द्रीय न्यूज डेस्क, खबर सुप्रभात

आज बिहार के 35 जिलों में भयंकर सुखाड़ का स्थिति उत्पन्न हो गया है। समय से बर्षा पर्याप्त मात्रा में नहीं होने के कारण नहर भी सुखा पड़ा है और सरकारी नलकूप भी जबाब दे रहा है। किसानों के खेतों में दरार पड़ रहा है। लेकिन सरकार द्वारा अभी तक सुखे से नीपटने के लिए कोई ठोस और कारगर कदम नहीं उठाया गया है जिससे किसानों में घोर असंतोष ब्याप्त हो रहा है। इस भयावह स्थिति में

किसानों को भूखमरी और पलायन का स्थिति बना हुआ है। कहीं विदर्भ क्षेत्र के किसानों के तरह बिहार के किसानों में भी मजबूरन आत्म हत्या का प्रवृत्ति न बन जाए यह भय लोगों में सताने लगा है। लेकिन इस ओर नहीं सरकार कोई ठोस और कारगर कदम उठा रही है और नहीं कोई राजनैतिक दलों द्वारा किसानों के पक्ष में निर्णायक आंदोलन और संघर्ष हो रहा है। यहां तक कि किसान -मजदूर के हितैषी कहने वाले बामपंथी पार्टीयां भी केवल भाषण और सरकार के अधिकारियों को ज्ञापन देकर अपने जिम्मेवारी से पला झाड़ रहे हैं।

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