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औरंगाबाद जिले में सप्ताहिक जांच में लगे अधिकारियों का इमानदारी संदेह के घेरे में , दुध का चौकीदारी बिलाई नहीं कर सकता।

औरंगाबाद संवाद सूत्र, खबर सुप्रभात

औरंगाबाद जिले में सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं का जांच में जुटे अधिकारियों का इमानदारी पर समाजिक कार्यकर्ता बीरेंद्र सिंह ने अंगुली उठाते हुए कहे कि जांच में केवल खानापूर्ति और लिपापोती का खेल किया जा रहा है। उन्होंने कहे कि जिला प्रशासन अविलंब श्वेत पत्र जारी करे कि अभी तक पुरे जिला में कूल कितने योजनाओं तथा विद्यालयों का जांच किया गया और कितने योजनाओं तथा स्कूलों में गड़बड़ी पाया गया है और अभी तक इस मामले में कितने अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों पर कारवाई किया गया तथा कितना रिकवरी का कारवाई किया गया। श्वेत पत्र जारी होते ही सबकुछ सामने आ जायेगा तथा मेरे द्वारा लगाए गए आरोप भी सत्य साबित हो जायेगा। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर क्या कारण है कि जब अधिकारियों का टीम जांच में निकलता है तो संबंधित जनप्रतिनिधियों को मालूम रहता है तथा जांच करने वाले अधिकारियों के पीछे पीछे पुरे दिन घुमते रहते हैं जबकि जहां जांच होता है वहां स्थानीय जनता को पता भी जांच के बारे में नहीं रहता और जांच भी हो जाता है। उन्होंने दुसरा सवाल किये की मनरेगा , पीडीएस , प्रधानमंत्री आवास योजना का जांच जब प्रखंड स्तरीय अधिकारी करेंगे तो परिणाम क्या निकलेगा यह अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने आगे बताये कि यदि दुध का अगोरी और चौकीदारी बिलाई करेगा तो दुध बचेगा या नहीं यह समझने की आवश्यकता है।

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