संवाद सूत्र , खबर सुप्रभात
पूरी तरह मनमानी पर उतारू कंपनी प्रबंधक नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए यूनियन से जुड़े कर्मचारियों व पदाधिकारियों का किया जा रहा है उत्पीड़न, शासन प्रशासन व श्रम अधिकारियों ने साधी चुप्पी*।
*15 अगस्त 2022 को मजदूर तिरँगा यात्रा एवं सत्याग्रह की तैयारियां जोरों पर*
ज्ञात हो कि 16 अगस्त 2021 से मजदूरों के शोषण व उत्पीड़न के विरोध में इन्टरार्क मजदूर संगठन ऊधम सिंह नगर व इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा के मजदूर आंदोलन कर रहे हैं।
संगठन से जुड़े कर्मचारियों को 2018 से अब तक वेतन में कोई वृद्धि नहीं मिली है, बोनस भी काट दिया गया है,एल टी ए का भुगतान रोका गया है एवं अन्य सुविधाएं बंद कर दी गई है।
6 जुलाई को गैरकानूनी रूप से की गई तालाबंदी को खोलने के बाद कंपनी प्रबंधक द्वारा मनमानी रवैया अपनाते हुए संगठन से जुड़े कर्मचारियों को पंतनगर प्लांट एवं किच्छा प्लांट में लगातार निशाना बनाकर के निलंबित किया जा रहा है
इन कर्मचारियों में संगठन के मुख्य पदाधिकारी व कार्यकारिणी के सदस्य भी शामिल है ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार के द्वारा संगठन के संरक्षित कर्मकारों को भी बिना श्रम अधिकारी के परमिशन के निलंबित किया जा रहा है जो कि विधि विरुद्ध है,
और श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन है कंपनी प्रबंधकों द्वारा लगातार यूनियन को तोड़ने की साजिश के तहत फैक्ट्री के भीतर काम करने वाले कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है और यूनियन तोड़ने को दबाव बनाया जा रहा है,
इसके अंतर्गत कर्मचारियों की छुट्टियों को पास न करने के लिए नए-नए कानून बनाए जा रहे हैं व अत्यधिक कार्य करने के बाद भी कम उत्पादन का झूठा आरोप भी लगाया जा रहा है, पानी पीते समय लंच करते समय एवं फैक्ट्री परिसर में कहीं भी आने-जाने के दौरान एक दूसरे से बात करने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई गई है सिक्योरिटी गार्डों के माध्यम से जगह जगह बार-बार मजदूरों को अपमानित किया जा रहा है, अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद ओवर टाइम के लिए भी कंपनी प्रबंधकों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है फैक्ट्री परिसर के भीतर पूरी तरह से भय का माहौल कायम किया गया है,
कंपनी प्रबंधकों को मनमानी करने की यह ताकत शासन प्रशासन एवं श्रम अधिकारियों के ढुलमुल रवैया के कारण मिली है मजदूरों पर वर्षों से हो रहे अत्याचार को देखकर भी शासन प्रशासन व श्रम अधिकारी पत्थर की मूर्ति बने बैठे हैं आज तक प्रबंधक के ऊपर अनगिनत गैरकानूनी कृत्य करने के आरोप लगने के बाद भी साबित होने के बाद भी उत्तराखंड शासन, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं श्रम अधिकारियों की तरफ से कोई भी कार्यवाही ना करने के कारण ही आज इन्टरार्क प्रबंधक मजदूरों का भीषण उत्पीड़न करने में लगा हुआ है।
हाई कोर्ट नैनीताल की अवमानना कर मशीनों को बाहर निकालने का मामला हो, या श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए गैरकानूनी तालाबंदी व वेतन कटौती का मामला हो, श्रम अधिकारों का हनन करते हुए मजदूरों के ऊपर लगाए गए झूठे आरोप का मामला हो या रजिस्टर्ड यूनियन को तोड़ने के लिए रची जा रही अनगिनत साजिशों का मामला हो, गैर कानूनी रूप से ठेकेदारी प्रथा के अंतर्गत नियोजित श्रमिकों का मामला हो चाहे मनमर्जी करते हुए कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार का मामला हो,
अनगिनत बार शिकायत करने के बाद भी शासन प्रशासन एवं श्रम अधिकारियों द्वारा कंपनी प्रबंधक पर कोई भी कार्यवाही नहीं सुनिश्चित की गई अतः यह स्पष्ट होता है कि तत्कालीन सरकार के अंतर्गत काम करने वाली संस्थाएं अधिकारी सभी उद्योगपतियों और पूंजीपतियों के साथ मिलकर कामगारों, मजदूरों और मेहनत कशो के शोषण उत्पीड़न एवं उनके अधिकारों के हनन में बराबर की हिस्सेदारी व भूमिका निभा रहे हैं।
लेकिन कंपनी प्रबंधकों को एक बात याद रखने योग्य है कि कंपनी प्रबंधक कितनी भी ताकत झोंक ले सच्चाई के दीपक को बुझा नहीं सकते मजदूरों के इस आंदोलन को तमाम मजदूर संगठनों ,किसान संगठनों, सामाजिक संगठनों, महिला संगठनों ,छात्र संगठन ,व्यापारी संगठनों, पत्रकार बंधुओं एवं आम जनमानस का पूरा सहयोग मिल रहा है और यह मजदूर अपने हक की लड़ाई को निरंतर आगे बढ़ाता रहेगा जब तक सम्मान पूर्वक समझौता संपन्न नहीं हो जाता तब तक यह आंदोलन किसी भी रूप में ना तो स्थगित किया जाएगा ना तो समाप्त किया जाएगा।15 अगस्त 2022 को आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर मजदूर व किसान संगठनों/यूनियनों द्वारा इंटरार्क कंपनी गेट सिडकुल पन्तनगर से किच्छा तक एवं वापस रुद्रपुर गांधी तक विशाल मजदूर तिरँगा बाइक यात्रा की तैयारियां जोर शोर से चल रही है ।जिसमें आजादी के लिये मर मिटने वाले वीर सपूतों को नमन किया जायेगा ,आजादी के झंडे को आगे बढ़ाने ,मजदूरों मेहनत कशों के साथ आजाद भारत में हो रहे अन्याय ,अत्याचार ,भेदभाव ,अपमान और शोषण के विरुद्ध निर्णायक संघर्ष करने का संकल्प लिया जायेगा ।इंटरार्क कंपनी सहित सिडकुल पन्तनगर में कंपनी मालिकों और प्रशासन के गठजोड़ को आम जनता के बीच उजागर किया जायेगा ।उजागर किया जायेगा कि कंपनी में हाईकोर्ट के आदेशों और श्रम कानूनों का किस तरह उल्लंघन हो रहा है ।
धरना स्थल पर सैकड़ों मजदूर उपस्थित रहे एवं सभा के माध्यम से आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया गया।