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कथित भारत महान देश में न्याय की मौत !

गाजियाबाद से निर्मल शर्मा का रिपोर्ट

अभी पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक आजम खां को भड़काऊ भाषण देने के मामले में दोषी करार देते हुए तीन वर्ष की कैद और 25000 रूपयों की जुर्माने की सजा सुनाई गई है। आजम खां को अदालत द्वारा दिए गए इस तीन साल की सजा की वजह से उनकी विधानसभा की सदस्यता भी समाप्त हो चुकी है !


             समाजवादी पार्टी के इस नेता आजम खां को यह कठोर सजा उनके द्वारा एक घृणास्पद भाषण देने के मामले में सुनाई गई है,ज्ञातव्य है कि आजम खां पर आरोप है कि ‘उन्होंने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्रीयुत् श्रीमान् नरेन्द्र दास दामोदरदास मोदीजी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कथित योगी आदित्यनाथ के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के अलावा स्थानीय जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को भी भला-बुरा कहा था । ‘


               इस देश के सभी अमन पसंद और लोकतंत्र में विश्वास करनेवाला व्यक्ति यही चाहता है कि इस प्रकार के अभद्र,अश्लील और भड़काऊ भाषण देने वाले सभी नेताओं को ऐसी ही कड़ी सजा मिले,ताकि भारतीय राजनीति में आई अंतहीन गिरावट और स्तरहीनता में कुछ सुधार हो सके !
              उदाहरणार्थ सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का एक युवा दरिंदा नेता प्रवेश वर्मा ने शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन नामक काले कानून के खिलाफ प्रदर्शनरत महिलाओं के प्रदर्शन को उखाड़ने के लिए अपनी एक सभा में मुसलमानों के प्रति घृणा का बीज बोते हुए कहा था कि ‘शाहीन बाग में लाखों लोग जमा हैं। दिल्ली की जनता को सोच-विचारकर ही फैसला लेना चाहिए। वे आपके घरों में घुस जाएंगे,आपकी मां-बहनों से दुष्कर्म करेंगे और उन्हें मार देंगे। अगर भाजपा सरकार बनी तो सभी मस्जिदें हटवा दूंगा,शाहीन बाग भी एक घंटे में खाली होगा ! ‘
             इसी प्रकार भाजपा सरकार में एक  कनिष्ठ वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर 8 फरवरी को दिल्ली के एक मुहल्ले रिठाला में भाजपा की एक प्रचार रैली में एक भड़काऊ नारा लगाते हुए अल्पसंख्यक मुसलमानों को लक्षित करते हुए सार्वजनिक तौर पर कहा कि ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो सालो को ‘ यही नहीं,इस बेहद अफसोसजनक,अश्लील,सांप्रदायिक सद्भावना को तार-तार करनेवाले इस भड़ाकाऊ बयान देने के बाद उसने स्वयं ताली बजाई और भीड़ से अपने साथ नारे लगाने का आग्रह भी किया ! इस नफरती और अत्यंत भड़काऊ भाषण का सोशल मिडिया पर अभी भी विडियो उपलब्ध है !  
          दिल्ली में दंगे कराने का असली सूत्रधार कपिल मिश्रा ने 23 फरवरी 2020 को दिल्ली के जाफराबाद के मौजपुर चौक पर मुसलमानों को टारगेट करते हुए बोला था कि ‘8 फरवरी को दिल्ली की सड़कों पर भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला होगा ! ये यही चाहते हैं कि दिल्ली में आग लगी रहे,इसीलिए इन्होंने रास्ते बंद किए हैं,इसीलिए दंगे जैसा माहौल बना रहे हैं ! हमारी तरफ से एक भी पत्थर नहीं चला है डीसीपी साहब हमारे सामने खड़े हैं,मैं आप सबकी तरफ से यह बात कह रहा हूं। डोनाल्ड ट्रंप के जाने तक तो हम शांति से जा रहे हैं लेकिन उसके बाद हम आपकी भी नहीं  सुनेंगे ! अगर रास्ते खाली नहीं हुए तो, ट्रंप के जाने तक आप जाफराबाद और चांद बाग खाली करवा लीजिए, ऐसी आपसे विनती कर रहे हैं,उसके बाद हमें रोड पर आना ही पड़ेगा.! ‘ कपिल मिश्रा द्वारा  ’23 फरवरी को दिए गए इस भड़काऊ बयान की वीडियो अभी भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध है ! 

          
              लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का लड़का अपने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ गुंडों के साथ अपनी थार गाड़ी को आंदोलनकारी किसानों पर ही चढ़ाकर उन्हें रौंदकर मौत के घाट उतार दिया ! जिसमे 4 किसानों की तुरंत मौत हो गई और कई घायल हैं। इसके पूर्व यही अजय मिश्रा टेनी किसानों को धमकाते हुए कहा था ‘ सुधर जाओ, वरना हम सुधार देंगे दो मिनट लगेंगे ! ‘   
            अब यक्षप्रश्न यह है कि इस देश में अमर्यादित,गाली गलौज,स्तरहीन तथा भड़काऊ भाषण देने में लगभग सभी राजनैतिक दलों के सैकड़ों छुटभैये और बड़े नेता तक सम्मिलित हैं, उनके उक्त वर्णित अत्यंत घटिया और घृणित भाषणों के सोशल मिडिया पर विडियो भी वायरल हुए हैं,उनके द्वारा दिए गए भड़काऊ और सांप्रदायिक सद्भावना को बिगाड़ने वाले भाषणों से इस देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित गुजरात में दंगे भी भड़के हैं,जिसमें हजारों बेगुनाह लोगों को दंगाईयों द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया ! अरबों रूपयों की देश की अमूल्य संपत्ति में आग लगाकर भस्म कर दिया गया !  
           

इसी देश में ऐसे भी घटिया दर्जे के नेता हैं,जो अपनी राह में थोड़ा बनने वाले नेताओं, पुलिस अफसरों,सीबीआई जजों तक की हत्या करवाए हैं,चुनाव जीतने के लिए अर्धसैनिक बलों की पूरी बटालियन को अपने गुप्त एजेंडे के तहत सुनियोजित तरीके से आरडीएक्स जैसे विस्फोटक से उड़ा देने का कुकृत्य किए है ! 
          कितने दुख और अफसोस की बात है कि उक्त वर्णित सभी अपराध करने वाले सभी दरिंदे और अपराधी अभी भी भारत सरकार में मंत्री, गृहमंत्री और प्रधानमंत्री बने बैठे हुए हैं ! क्या इन अपराधियों के इतने बड़े-बड़े अपराध भारतीय न्यायपालिका के जजों को दिखाई ही नहीं दे रही है ! ऐसा कतई नहीं है ! हकीकत यह है कि भारतीय राष्ट्र राज्य से न्याय का पूरी तरह विलोपन हो चुका है,कथित भारतीय गणराज्य की पूरी न्यायपालिका सत्ताधारियों के गोद में जाकर बैठ गई है ! या सत्ताधारियों से इतनी डर गई है कि उनके हर गैरलोकतांत्रिक,असंसदीय कुकृत्य को देखकर भी पूरी ताकत से अपनी आंखें,कान और मुंह बंद कर ली है !
            इस देश के हर उस नागरिक का कहना है, जिन्हें

न्याय की निष्पक्षता पर यकीन है कि वर्तमान सरकार के सत्तारूढ़ कर्णधारों को और न्यायपालिका के कथित जजों को भी कालजयी महान कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की कहानी पंचपरमेश्वर को फिर से ध्यान लगाकर एकबार जरूर पढ़ लेना चाहिए और आज अपने किए कर्मों पर एक बार पुनः पुनर्विचार जरूर कर लेना चाहिए कि आखिर न्याय की परिभाषा क्या होती है ? इस सर्वमान्य तथ्य को कि न्याय सभी के लिए यहां तक कि अपने दुश्मनों के लिए भी समदर्शी ही होनी चाहिए,यही न्याय का तकाजा भी है,न्याय की परिभाषा विरोधियों के लिए अलग हो और ताकतवर सत्तारूढ़ कर्णधारों के लिए अलग हो ! यह न्याय कतई ही नहीं है !

         

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