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भीषण गर्मी के बीच झारखंड में पेयजल संकट कायम, पेयजल स्वक्षता विभाग के दावे का खुला पोल

आलोक कुमार संपादक सह निदेशक खबर सुप्रभात

झारखंड में कुल 4 लाख 40हजार 767 चापाकल में से 3लाख 89हजार फिलहाल चालू हालत में, 51हजार से ज्यादा चापाकल खराब है। जबकि 2022-23 के बजट में सरकार के पेयजल स्वक्षता विभाग ने घोषणा किया था कि वर्ष 2024 तक सभी लोगों को घरों में नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।साहिबगंज, गोड्डा दुमका और पाकुड़ के लोगों को गंगा नदी से नल के द्वारा शुद्ध

पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। लेकिन आज झारखंड में पड़ रहे भीषण गर्मी के बीच अधिकांश चापाकल बिमार है और नागरिक पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। पेयजल स्वक्षता विभाग का घोषणा और दावा टांय टांय फिश साबित हो रहा है। जानकारी के मुताबिक राज्य के 20जिलों में 24पेयजल प्रमंडल में यह समस्या गंभीर रूप धारण कर लिया है।केवल रांची जिले में 4000हजार चापाकल खराब है, मेदिनीनगर (डाल्टेनगंज) जिला में लगभग 3200 चापाकल खराब है लोगों को माने तो राज्य में पिछले वर्ष कम वर्षा होने के कारण जलस्तर नीचे चला गया है और इस वजह से सभी को पूर्वानुमान था कि गर्मी शुरू होते ही पेयजल संकट गहराने लगेगा। लेकिन सरकार और प्रशासन के द्वारा कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया फलस्वरूप पेयजल संकट गहरा हो गया है तथा नागरिक पेयजल संकट से जूझने के लिए मजबूर हैं।

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