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धरना के माध्यम से पंचायतों में विकास के नाम पर फर्जीवाड़ा और वित्तीय अनियमितता का वार्ड सदस्य संघ ने किया पर्दाफाश, मुख्यमंत्री से जांचोपरांत कारवाई के लिए भेजा मांग पत्र

अम्बा (औरंगाबाद) खबर सुप्रभात सामाचार सेवा

20 सितंबर को बिहार प्रदेश पंचायत वार्ड सदस्य संघ के आवाहन पर वार्ड सदस्यों के अधिकार में की जा रही कटौती एवं पंचायत वार्ड सदस्यों की हो रहे अधिकार के हनन के खिलाफ प्रखंड कार्यालय कुटुंबा के समक्ष एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया। धरनार्थी प्रखंड विकास पदाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा। इस संबंध में संघ द्वारा भेजे गए मांग पत्र में कहा गया है कि वार्ड क्षेत्र में क्रियान्वित प्रत्येक योजना में अभिकर्ता अनिवार्य रूप से वार्ड सदस्यों को ही बनाया जाए, वार्ड सदस्यों द्वारा भी

करता बनने से इनकार करने पर ही किसी अन्य को अभिकर्ता बनाया जाए, पंचायती राज विभाग का संविधान संकल्प समय-समय निर्गत पत्रों विगत दो वर्षों से जिला पंचायती राज पदाधिकारी एवं प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, पंचायत सचिव द्वारा की गई अनदेखी से वार्ड सदस्य सहित पंचायती राज संस्था के सदस्यों के पद पर निर्वाचित सदस्यों की हाकमरी की गई है इसकी उच्च स्तरीय दोषियों पर जांचोपरांत कार्रवाई की जाए, वार्ड क्रियान्वित प्रबंधन समिति कार्य संचालन नियमावली 2017 के आलोक में मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना एवं गली नाली पकीकरन कार्य हेतु वार्ड स्तर पर होने का नियम बनाया गया है उसी के आलोक में कार्य कराया जाए तथा वित्तीय अधिकार उपलब्ध कराई जाए, अपर मुख्य सचिव पंचायती राज विभाग बिहार सरकार पटना के पत्रांक संख्या 2935 दिनांक 22.6.2021 द्वारा संकल्प की कंडिका 7 (क) के अनुसार (1) पन्द्रवीं वित्त आयोग की राशि प्राप्ति के 7 दोनों पंचायत सचिव एवं ग्राम पंचायत के द्वारा प्रति माह 4 हजार रुपए वार्ड क्रियान्वयन प्रबंधन समिति के खाता में भेजना था जो समय से नहीं भेजा गया फलस्वरुप नल जल का आपूर्ति बंद पड़ा हुआ है। एवं वर्तमान समय में साजिश के तहत पीएचडी विभाग को हवाले किया जा रहा है। जो गलत है। संघ ने धरना के माध्यम से मांग किया है कि पुनः वार्ड को नल जल का संचालन तथा एवं रखाव के अधिकार दी जाए, संघ ने धरना के माध्यम से सभी पंचायतों में फर्जी ग्राम सभा एवं कार्यकारणी बैठक का पंजीयन बगैर तैयार किए हुए वार्ड सदस्यों का फर्जी हस्ताक्षर कराकर वार्ड सभा की किसी भी प्रकार का योजना न लेकर 2022-23,2023-24 की सभी योजना एवं वित्तीय अनियमितता की जांच कराया जाए के अलावे अन्य कई मांगों के प्रति सरकार को ध्यान आकृष्ट कराया गया है।

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