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औरंगाबाद जिले में सरकारी विद्यालयों में शैक्षणिक ब्यवस्था ध्वस्त , इसके लिए जिम्मेवार कौन ?

औरंगाबाद, खबर सुप्रभात

औरंगाबाद जिले में इन दिनों सरकारी स्कूलों में शौक्षणिक आरजकता चरम पर है या फिर कहें तो पुरी तरह से शैक्षणिक ब्यवस्था ध्वस्त हो चुका है। इसके लिए मूल रूप से जिम्मेवार कौन है इसके लिए इमानदारी पूर्वक आम बहस कराने की आवश्यकता है। शैक्षणिक ब्यवस्था चौपट होने से न केवल छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है बल्कि इसका दुरगामी परिणाम समाज पर भी पड़ने वाला है और इसे नकारा नहीं जा सकता। बता दें कि आज जिले में स्थिती यह है कि सरकार और विभाग द्वारा पानी के तरह पैसा बहाने के बावजूद भी सभी विद्यालयों को अपना भवन तक नसीब नहीं है और एक विद्यालय में क ई विद्यालय को सामंजस्य किये जाने का खबर प्राप्त है । इसके अलावे जिला में फर्जी प्रमाण पत्र पर फर्जी शिक्षकों का बहाली आंख मुंद कर नियोजन इकाई द्वारा किया गया है यह भी एक कारण बना हुआ है। बता दें कि वैसे लोगों को भी शिक्षक बना दिया गया है जो खुद एक पारा ग्राफ लिख नहीं सकता है लेकिन वे बच्चों को भविष्य संवारने में लगे हुए हैं। वैसे शिक्षकों का नियुक्ति और पदस्थापन गांव अथवा आस पास के विद्यालयों में कर दिया गया है जो अपने मनमर्जी से विद्यालय आते और जाते हैं जब मर्जी स्कूल आयेंगे और जब मर्जी चले जायेंगे। उन्हें बोलने वाले न तो कोई ग्रामीण है और नहीं विभागीय अधिकारी। चुके स्थानीय होने के वजह से शिक्षक कम ग्रामीण राजनीति और गलत सर्किल बनाकर अपना प्रभाव बना चुके हैं। इसके लिए जिम्मेवार कौन है एक आम बहस कराने की आवश्यकता है।

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