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महिलाओं की स्थित में निरंतर बदलाव का वाहक बना आरक्षण

डीके अकेला के रिपोर्ट



वर्ष 2006 में पंचायती संस्थाओं तथा 2007 से नगर निकायों में 50%आरक्षण।
वर्ष 2006 में प्रारंभिक शिक्षक नियुक्ति में 50%आरक्षण।
वर्ष 2013 से बिहार पुलिस और वर्ष 2016 से अन्य सरकारी सेवाओं में 35% आरक्षण।
मेडिकल, इन्जीनियरिंग व स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटीज से सम्बद्ध शैक्षणिक संस्थाओं के नामांकन में 33%आरक्षण सुनिश्चित किया।
मुख्य मंत्री कन्या उत्थान योजना में राज्य सरकार बेटियों के जन्म से लेकर स्नातक तक की पढाई कै लिए सभी जरूरतों का ख्याल रखती है। इतना ही नहीं, बल्कि विभिन्न चरणों दी जाती है 94

हजार 100 की प्रोत्साहन राशि। मुख्य मन्त्री बालिका योजनानुसार कक्षा 1से 12 तक की छात्राओं को पोशाक के लिए 600से 1500 रूपए का प्रावधान निर्धारित है। मुख्य मन्त्री बालिका साईकिल योजना के तहत सरकारी विद्यालयों में कक्षा 9वी में पढने वाली छात्राओं को 10 लाख की वित्तीय सहायता का प्रावधान। इसमें 5 लाख अनुदान व 5 लाख ब्याज मुक्त अनुदान। जीविका योजनानुसार महिलाओं के 10 लाख से भी अधिक स्वयम् सहायता समूहों का गठन, इनसे जुडकर 01 करोङ से अधिक महिलाएं बनी जीविका दीदिया और उनके परिवार बने स्वावलंबी। मुख्य मंत्री कन्या विवाह योजनानुसार बीपीएल और,60 हजार बार्षिक से कम आय वाले परिवार के कन्यादान पर 5 हजार रुपए की सहायता का प्रावधान। बाल विवाह और दहेज प्रथा उन्मूलन अभियान के तहत सुन्दर व खुशहाल समाज व परिवार के निर्माण के लिए राज्य सरकार की अभिनव पहल। बाल विवाह और तिलक दहेज जैसी कुप्रथा से मुक्ति और नारी सशक्तिकरण के लिए चल रहा है व्यापक समाज सुधार अभियान। मुख्य मंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन पैकेज के मातहत महिला अभ्यर्थियों के यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण होने पर 1लाख और बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण होने पर 50 हजार रूपए प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है।