औरंगाबाद से अधिवक्ता शतीश स्नेही का रिपोर्ट
व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने सेसन ट्रायल संख्या 19/21, कुटुंबा थाना कांड संख्या 158/20 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए एकमात्र काराधिन दहेज हत्यारोपी को
भादंवि धारा 304 बी 34 में सश्रम दस साल कारावास की कठोर सज़ा सुनाई है, लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल ने बताया कि अभियुक्त रोहित कुमार चकुआ कुटुंबा को 07/02/23 को भादंवि धारा 304 बी 34 में दोषी ठहराया गया था , दहेज हत्यारोपी पति 08/09/20 से जेल में बंद हैं इस वाद में डा सुनील कुमार,आई ओ राजेश्वर प्रसाद, कमलेश पासवान सहित अभियोजन की ओर से 08 गवाही हुए, अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज मृतका के माता अनीता देवी सिमरा
माली ने 07/09/20 को थाना में दर्ज कराई थी जिसमें कहा गया था कि बाईक की मांग को लेकर हमेशा बेटी से मारपीट की शिकायत आती थी,मेरा बेटा भी कुछ दिनों के लिए बेटी के घर गया था वह भी कहता था कि जीजा दुसरी शादी करना चाहते हैं, हमलोग कहते थे कि पैसा जब हो जाएगा तो बाइक ले लेंगे किन्तु 06/09/20 को मारपीट से
अधमरा कर मेरी बेटी को ससुराल में ही छोड़ दिया, मेरे बेटे के फोन आने पर में गई तो अपनी बेटी के सांसें चल रही थी सदर अस्पताल औरंगाबाद लाई रेफर होकर जमुहार मेडिकल कॉलेज जाते समय रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई मैंने औरंगाबाद में पोस्टमार्टम कराकर थाना में न्याय के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
Teraz, gdy wiele osób korzysta ze smartfonów, możemy rozważyć pozycjonowanie telefonów komórkowych za pośrednictwem sieci bezprzewodowych lub stacji bazowych.