तजा खबर

कैदी

गाजियाबाद (यूपी) निर्मल शर्मा के कलम से

_________ कोई भी किताब ऐसी नहीं होती जो काल सापेक्ष न हो

चाहे वह तथाकथित
ईश्वर के द्वारा
लिखी गई ही
क्यों न कहलाती हो !
आदमी से ज्यादा
कभी कुछ नहीं जान पाया ईश्वर !
अपने द्वारा रची गई
तथा कथित किसी भी किताब में !
ईश्वर का ज्ञान भी !
समय स्थान व समाज सापेक्ष ही रहा !
उससे बेहतर नहीं
और
यदि बाद की
आदम की पीढ़ियों ने
उन किताबों की
आलोचना नहीं की !
तो वे पीढ़ियाँ
समय की कंदराओं में
कैद होकर रह गयीं !
विचार करो
कहीं तुम भी तो
कैदी ही नहीं !

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