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आलोक ने लिखा डीडीसी को पत्र, पदीय शक्ति का दुरपयोग करने का लगाया आरोप

औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा

सेवा में ,
उपविकास आयुक्त सहृप्रथम सह प्रथम अपीलीय प्राधिकार,
समाहरणालय, औरंगाबाद (बिहार)

विषय:- उपविकास आयुक्त सह प्रथम अपीलीय प्राधिकार के यहाँ लंबित अपीलीय लोक सूचना वाद संख्या 62/ 2023,
मे अपीलार्थी/आवेदक को प्राप्त सूचना “आदेश पत्रक 20.07.2023
महाशय,
उपरोक्त विषय की ओर श्रीमान का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहना है कि उपविकास आयुक्त सह प्रथम अपीलीय प्राधिकार औरंगाबाद (बिहार) के यहाँ लंबित अपीलीय लोक सूचना वाद संख्या 62/ 2023 में अपीलार्थी को सूचना देने के जगह दिगभ्रमित किया गया है और सूचना देने के जगह.अपीलार्थी को कहा गया है कि क्यों और कैसे का उत्तर नहीं दिया जाता है।
महोदय,
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के जगह बिहार सरकार सूचना का अधिकार संशोधित अधिनियम 2009 का अवलोकन की जरूरत है ।

02 सूचना का अधिकार संशोधित अधिनियम 2009 में बिहार सरकार ने बिहार वासियों को मौलिक अधिकार का संरक्षण देते हुए यह स्पष्ट कर दिया है की बिहार की जनता संबंधित अधिकारियों से सूचना के अधिकार के तहत लंबित मामले में क्यों ,क्या ,कब तक ,क्यों नहीं हुआ और जिम्मेवार कौन है, इत्यादि के तहत संबंधित अधिकारियों से सवाल पूछने का आजादी प्रदान की है तथा संबंधित लोगों से लंबित मामले में क्यों और क्या के तहत सूचना मांगने के लिए प्रारूप का प्रकाशन भी किया गया है ,जिससे स्पष्ट है कि संबंधित अधिकारियों को बिहार सरकार सूचना का अधिकार संशोधित अधिनियम 2009 के तहत क्यों और क्या के तहत सूचना देना है।
महोदय मांग की गई सूचना को नहीं देना पदीयशाक्ति का दुरूपयोग है। जो दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है ।

03 समाचार के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय ने भी सूचना के अधिकार के तहत मांगी की गई सूचना को नहीं देने ,तथ्यों से हटकर सूचना देने, सूचना देने की जगह दिगभ्रमित करने के मामले को पदीय शक्ति का दुरुपयोग माना है ।
अतः मांग की गई सूचना को नियमानुसार अपीलार्थी को उपलब्ध कराने का कष्ट किया जाए ।

आवेदक/अपीलार्थी
आलोक कुमार
ग्राम पोस्ट:- परता ,
थाना:- अम्बा
जिला:- औरंगाबाद
(बिहार)
मोबाईल नंबर 7858996975

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