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पानी के धार में बह गए किसानों का खेत अब गांवों पर छाया खतरा , बोले अधिकारी मंगलवार को जायेगा जांच टीम।

अम्बा से दिलीप कुमार का रीपोर्ट


नहर के पानी से हो रहे लगातार कटाव को लेकर कुटुंबा प्रखंड के दरमी समेत सोमर बिगहा व कोइरी बिगहा के किसान चिंतित है। इन गांवों के दर्जनों किसान का करीबन 20 बीघा कृषि योग्य भूमि कटाव की चपेट में आ चुका है। दरमी गांव से 200 फीट तथा सोमर बिगहा व कोइरी बिगहा गांव से 50 फीट दूरी तक कटाव हो चुका है। पानी की तेज धार के सहारे क्यारियां अदरी नदी में समाती जा रही हैं। किसानों को इसका कोई विकल्प नहीं सूझ रहा है। दरमी के किसानों ने बताया कि यदि यही स्थिति बनी रही तो अगले दो-तीन वर्षों में उनका पूरा गांव ही कटाव की चपेट में आ जाएगा। सोमर बिगहा व कोइरी बिगहा के ग्रामीणों ने बताया कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी यदि बरसात में पानी का बहाव जारी रहा तो इसी वर्ष उनका गांव कटाव की चपेट में होगा। इन सारी बातों को लेकर तीनों गांव के लोग बेहद चिंतित हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर कोयल मुख्य नहर से अतरौली गांव के समीप कर्मा माइनर निकलती है। इस माइनर को अदरी नदी तक जाना था, पर माइनर की खुदाई नदी से तकरीबन 2 किलोमीटर पहले लेदी दोहर तक ही हो पाई। नहर को लेदी दोहर के नइकी आहर में गिराकर छोड़ दिया गया है। इससे आगे नहर की खुदाई नहीं हो सकी है। उन्होंने बताया कि बरसात के दिनों में जब अत्यधिक बारिश होती है तब अतरौली, सिंहपुर, कझपा, बोदी बिगहा, लेदी दोहर आदि गांव का पानी नहर व आहर होते हुए दरमी समेत सोमर व कोइरी बिगहा पहुचती है। ये गांव अदरी के तट पर हैं। बाढ़ की तरह पहुंचा खुद से रास्ता बनाते नदी में जाती है। इसी क्रम में तेज बहाव से मिट्टी का कटाव होता है। कटाव की स्थिति यह है कि कई क्यारियां बड़े नाले का रूप ले चुकी है। बरसात में इससे इतना पानी निकलता है कि इसे पार करना भी संभव नहीं है। कटाव दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। पिछले दिनों सांसद के समक्ष ग्रामीणों ने समस्या रखी थी। उनकी पहल पर नहर विभाग के अधिकारी यहां पहुंचे थे पर समस्या का समाधान नहीं हो सका। ग्रामीणों ने बताया कि नहर में जब से जलापूर्ति नियमित हुई है तब से कटाव लगातार जारी है।

इन व्यक्तियों के खेत का हुआ है कटाव
जिन व्यक्तियों के खेत का कटाव हुआ है उनमें दरमी गांव के राघव सिंह, लल्लू सिंह, भरत सिंह, दिलीप सिंह, राज किशोर सिंह, श्रीनिवास सिंह, कमला सिंह, अनुज सिंह, अवध किशोर सिंह, कपिलदेव सिंह, अनिल सिंह, मुन्ना सिंह, भोला सिंह, राणा सिंह, धनंजय सिंह, नागेंद्र सिंह व धीरेंद्र सिंह, सोमर बिगहा के रामाश्रय पासवान, कृष्णा पासवान, शिवपूजन पासवान, रामविलास पासवान, देव मंगल पासवान, छबील पासवान व रमेश पासवान समेत कई अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।

नाले की पुलिया ध्वस्त होने के कगार पर
यहां पानी की धार इतनी तेज होती है और कटाव इतना अधिक होता है कि नाले में बनाई गई पुलिया भी ध्वस्त होने के कगार पर है। ग्रामीण बताते हैं कि वर्ष 2008 में मुख्यमंत्री पुल-पुलिया योजना से पुलिया का निर्माण हुआ था ताकि लोग अदरी नदी स्थित शमशान तक पहुंच सकें। स्थिति यह है कि पानी की धार में पुलिया का पाया क्षतिग्रस्त हो चुका है। इसका आधा बेड भी ध्वस्त हो गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस वर्ष यह पुलिया पूरी तरह ध्वस्त हो जाएगा।

नहर की खुदाई पूर्ण होने पर मिलेगी राहत
लेदी दोहर के नइकी आहार से अदरी नदी तक यदि नहर की खुदाई करा दी जाए तो ग्रामीणों को थोड़ी राहत मिल सकती है। इससे अतिरिक्त पानी नहर होते हुए सीधा नदी में चला जाएगा और कटाव पर ब्रेक लग सकता है। इधर कटाव वाले भाग को और बढ़ने से रोका जा सके इसके लिए ग्रामीण चहका का निर्माण कराने की बात बताते हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की समस्या पर राजनीति खूब होती है पर कोई स्थाई समाधान अब तक नहीं निकल पाया है।

कोट
अशोक कुमार, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर, उत्तर कोयल नहर
वस्तुस्थिति की विस्तृत जानकारी के लिए अंबा डिवीजन के एक्सक्यूटिव इंजीनियर को कहा गया है और उनसे इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है।

राजेंद्र राम, एक्सक्यूटिव इंजीनियर, उत्तर कोयल नहर
वस्तुस्थिति की अद्यतन जानकारी उपलब्ध नहीं है। विभागीय एसडीओ व जेई से अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

अभय कुमार, अंचलाधिकारी, अंबा
कटाव की समस्या की बाबत नहर विभाग के अधिकारियों से बात की जाएगी। स्थल निरीक्षण कर समस्या की अद्यतन स्थिति का जायजा लिया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

धीरेंद्र कुमार सिंह, ग्रामीण, दरमी
नहर का निर्माण पूरा न होने के चलते कटाव हो रहा है। गांव के दोनों ओर से कटाव जारी है। स्थिति यही बनी रही तो गांव के अस्तित्व पर ही संकट आ जायेगा।

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