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तीन दशक पुरानी हत्या के मामले में हुआ फैसला

औरंगाबाद से अधिवक्ता शतीश स्नेही का रिपोर्ट

आज व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे दस रत्नेश्वर कुमार सिंह ने मदनपुर थाना कांड संख्या _38/92 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए एक जीवित अभियुक्त विनय सिंह खिरियावां  को आजीवन कारावास,बीस हजार जुर्माना, जुर्माना न देने पर छः माह अतिरिक्त कारावास  की सजा सुनाई है ये सज़ा भादंवि धारा 302 / 120 बी में सज़ा सुनाई गई है, अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि अभियुक्त विनय सिंह को निर्णय पर 17/02/23 को दोषी ठहराया गया था और बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया गया था अधिवक्ता ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज नान्हु सिंह खिरियावां ने21/03/92 को मदनपुर थाना में दर्ज कराई थी जिसमें कहा था कि भतीजा अजित कुमार उर्फ कल्लू 20/03/92 को शाम छः बजे खिरियावा स्थित घर से मदनपुर दुकान जाने के लिए निकला तो गांव के लोगों ने बताया कि किसी बात को लेकर अभियुक्तों से झगड़ा हुआ है रात में भतीजा घर नहीं आया,सुबह खबर मिली कि मदनपुर खिरियावा रोड़ स्थित सहादत हुसैन के खेत में अजीत की लाश पड़ी है घटनास्थल पर पहुंचे तो देखा कि धारदार हथियार से अजित की गला रेत कर हत्या हुई है तब सूचक ने पांच अभियुक्तों को नामजद बनाया, सभी पांचों पर आरोप गठन किया गया था सभी पांचों अभियुक्तों में से एकमात्र जीवित अभियुक्त विनय सिंह को आज सज़ा सुनाई गई है।

1 thought on “तीन दशक पुरानी हत्या के मामले में हुआ फैसला”

  1. Certains logiciels détectent les informations d’enregistrement d’écran et ne peuvent pas prendre de capture d’écran du téléphone mobile. Dans ce cas, vous pouvez utiliser la surveillance à distance pour afficher le contenu de l’écran d’un autre téléphone mobile.

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