नवादा संवाद सूत्र, खबर सुप्रभात
केंद की एनडीए सरकार द्वारा पेश किये गये वर्ष 2023 के आम बजट निश्चित रूप से एक चुनावी बजट है,जो तमाम मेहनतकशों को निराश करने तथा खासकर किसानों और मजदूरों के घोर विरोधी और कॉर्पोरेट आंकाओ के हितों के रक्षक व पक्षधर है। भारतीय अर्थव्यवस्था को मटियामेट कर देश में विकास के गति को कमजोर करने के साथ ही आर्थिक असमानता, मँहगाई ,भ्रष्टाचार और बेरोजगारी में बेतहाशा बढ़ोतरी लाने वाली है। मुट्ठीभर लोगों के गलत करनी का
खामियाजा भावी दिनों में देश व समाज को बुरी तरह से भुगतना ही पड़ेगा। इस बजट ने बिहार की बेहद उपेक्षा की। नहीं तो विशेष राज्य का दर्जा दिया और नहीं तो समुचित राशि आवंटित की गयी है। बिहार के विकास के साथ सौतेला व्यवहार बर्दाश्त से बाहर है। इसके लिए जबर्दस्त ढंग से संगठित होकर एक जनजोर लगाने की मौजूदा परिस्थितियों की आगामी पुकार है।
Excellent write-up