अम्बा (औरंगाबाद) खबर सुप्रभात समाचार सेवा
औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा प्रखंड के भिन्न भिन्न पंचायतों के पन्द्रह वार्डों में नल जल योजना के राशि का दुरपयोग होने और भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ने का मामला गांव के चौपालों से लेकर शहर हाट बाजार के चौक चौराहों पर चर्चा का विषय
बनते जा रहा है। इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा 28फरवरी को आदेश जारी किया गया था कि 15 वार्ड में नल जल योजना का राशि निकासी कर लेने के बावजूद कार्य नहीं कराने वाले वार्ड सदस्यों एवं वार्ड क्रियान्वयन समिति व प्रबंधकार्णी के अलावे अन्य जिम्मेवार लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराते हुए राशि रिकवरी का प्रकिया तेज
किया जाए। पुनः 1मार्च को कुटुम्बा प्रखंड कार्यालय के सभागार में जिला पंचायत राज पदाधिकारी मंजू प्रसाद सभी ग्राम सचिवों तथा प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी के साथ इस संबंध में बैठक आयोजित कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए और बैठक समाप्ति के बाद पुछे जाने पर जिला पंचायत राज पदाधिकारी मंजू प्रसाद द्वारा बताया गया कि प्राथमिक दर्ज करने का प्रकिया किया जा रहा है। लेकिन जिला प्रशासन का आदेश और पंचायत राज पदाधिकारी द्वारा दिए गए जानकारी 15दिनो में भी बेअसर साबित हो रहा है या फिर भ्रष्टाचारियों के गंठजोड़ के सामने तुछ साबित हो रहा है। बता दें कि प्रखंड क्षेत्र के सुदूर ग्रामीण इलाकों में मार्च माह प्रारंभ होते ही पेयजल संकट गहराने लगा है और पेयजल के लिए ग्रामीणों के बीच परेशानी बढ़ते जा रहा है। लेकिन जिला प्रशासन और स्थानीय प्रशासन केवल खानापूर्ति और कागजी घोड़ा दौड़ाने तथा ग्रामीणों को दिग्भ्रमित करने का खेल कर रहे हैं। इस संबंध में ग्रामीणों को मानना है कि जिला प्रशासन और स्थानीय प्रशासन के अलावे बिचौलिए का गंठजोड़ का ही नतीजा है कि 15दिन बीतने के बावजूद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं किया गया। भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के उपाध्यक्ष एवं वरीय समाजिक कार्यकर्ता महेन्द्र सिंह ने खबर सुप्रभात को बताया कि पन्द्रह दिनों में भी प्राथमिकी दर्ज नहीं होना यह दर्शाता है कि जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश महज खानापूर्ति है और आदेश का पत्र निर्गत कर केवल दबाव व भयभीत करने और इसके दबाव में मार्च लूट का तैयारी है जो गंभीर जांच का विषय है।
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