औरंगाबाद खबर सुप्रभात
देश भर के शिक्षित बेरोजगारों के साथ केंद्र सरकार ने किया भद्दा मजाक – डॉ स
बिहार सरकार के पुर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ सुरेश पासवान ने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज फिर एक बार देश भर के पढ़े लिखे बेरोजगारों को चिढ़ाने का काम किया है।हर साल दो करोड़ बेरोजगारों को नौकरी देने का वादा करने वाले प्रधानमंत्री आठ साल में सोलह करोड़ नौकरी के बदले अपने मुंह से दस लाख नौकरी देने का ढिंढोरा पीट रहे हैं। क्या यह शिक्षित बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक नहीं तो और क्या कहा जा सकता है।देश भर के शिक्षित बेरोजगार पुछ रहे हैं की केंद्र सरकार के मंत्रालयों एवं राज्यों के विभिन्न विभागो में स्वीकृत पदों के विरुद्ध लाखों पद वर्षों से खाली है तो ये दस लाख नौकरी देने की घोषणा ऊंट के मुंह में जीरा के समान ही साबित होगा। कृप्या पीएमओ को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि प्रधानमंत्री जी हर साल दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया था कि नहीं, यदि किया था तो उसके मुताबिक आठ साल बाद यह दस लाख नौकरी का घोषणा करने का औचित्य क्या है।यह तो मंत्रालयों/विभागों का रूटिन काम है,जो अपने विभागों में खाली पदों को भरते रहते हैं।जिसको भी अपने भर्ती पर रोक लगा रखा है। इसलिए प्रधानमंत्री जी आपको सोलह करोड़ नौकरी का घोषणा करना चाहिए था तब जरूर कहा जाता कि आठ साल बेमिसाल लेकिन अब तो यही कहा जा रहा है कि आठ साल, शिक्षित बेरोजगार के साथ साथ देश भर की जनता बेहाल- फटेहाल एवं बदहाल और आपके पूंजीपति मित्र मालामाल।
डॉ पासवान ने कहा है कि दरअसल 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले अठारह महीने में दस लाख नौकरी देने का घोषणा करके देश भर के शिक्षित बेरोजगारों को प्रधानमंत्री जी उसी में उलझकर रखना चाहते हैं लेकिन देश भर के न सिर्फ शिक्षित बेरोजगार बल्कि देश भर की जनता समझ चुकी है कि इस तरह के लुभावने वादे में अब देश की जनता नहीं आने वाली है। बल्कि 2024 के चुनाव में आपके द्वारा किया गया एक एक वादे को सूद के साथ जोड़ कर हिसाब लेने वाली हैं। इसलिए प्रधानमंत्री जी अचानक दस लाख नौकरी की घोषणा से अब आपके झांसे में इस देश के बेरोजगार नहीं आने वाले हैं। इसका खामियाजा 2024 के आम चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। कहां गया है कि “काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती है”।