औरंगाबाद खबर सुप्रभात
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डा सुरेश पासवान ने कहा है कि औरंगाबाद मंडल कारा में बंद एक कैदी को बुधवार को सुबह अचानक मौत हो गई। मृतक की पहचान माली थाना के बैरिया पासवान टोला निवासी ललन पासवान के रूप में की गई है। अभी एक सप्ताह पहले हत्या के एक मामले में दोषी क़रार दिया गया था चार नवंबर को फैसला सुनाए जाने के पहले मौत का मामला संदेहात्मक प्रतीत होता है। वैसे जेल अधीक्षक हार्ट अटैक की बात बता रहे हैं। सच्चाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही सामने आएगी।
मैं इस घटना की उच्चस्तरीय शीघ्र न्यायीक जांच कराए जाने की मांग सरकार से करता हूं। ताकि दुध का दुध और पानी का पानी सामने आ सके। साथ ही साथ मृतक के आश्रितों को दस लाख रुपए मुआवजा दिया जाना चाहिए। चूंकि कोई बंदी जब कारागार में रहता है तो उसके जान की हिफाजत का पुरा जिम्मेदारी जेल प्रशासन और जिला प्रशासन का होता है।बिमार बंदी का इलाज भी जेल प्रशासन को ही शीघ्रातिशीघ्र करवाना है। इसीलिए सरकार जेल के अंदर जेल अस्पताल भी बना रखा है ताकि कैदियों को नियमित जांच पड़ताल कीया जाता रहे। लेकिन व्यवहार में ठीक उल्टा होता है की डाक्टर जेल अस्पताल में रहते ही नहीं है।जब जेल से किसी कैदी के अस्वस्थ होने का खबर होता है तब जाकर मनमर्जी तरीके से डाक्टर वहां पहुंचते हैं।
औरंगाबाद मंडल कारा में भी यदि डाक्टर वहां ससमय मौजूद होते तो कैदी ललन पासवान का जान भी बचाया जा सकता था।