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मार्गदर्शन मांगा लेकिन नहीं हुआ फ्लोअप, क्या प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी जिला प्रशासन और जिला पंचायत राज पदाधिकारी से अपने को उपर तो नहीं समझ रहे हैं? सोमवार को होने वाले जिलाधिकारी के फ्लोअप मीटिंग पर भी उठ रहा सवाल

अम्बा (औरंगाबाद) खबर सुप्रभात समाचार सेवा

औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा प्रखंड में प्रशासनिक नाटक और योजनाओं में घपला घोटाला तथा मनमानी का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां तक कि प्रखंड के अधिकारियों द्वारा जिला प्रशासन से मार्गदर्शन मांगा जाता है लेकिन मार्गदर्शन और आदेश मिलने के बावजूद प्राप्त मार्गदर्शन का अनुपालन

नहीं होना यह साबित करता है कि मार्गदर्शन मांगना महज नाटक और आम लोगों को दिग्भ्रमित करने के कलावे कुछ नहीं है। जानकारी के अनुसार कुटुम्बा प्रखंड के पंचायत राज पदाधिकारी हरेंद्र कुमार चौधरी द्वारा 14जनवरी 2023को अपना पत्रांक 8के माध्यम से जिला पंचायत राज पदाधिकारी से मार्गदर्शन मांगा गया था कि कुटुम्बा प्रखंड के ग्रामपंचायत घेउरा , जगदीशपुर, पीपरा बगाही,कुटुम्बा के 15वार्डों में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत नलजल का राशि निकासी कर लिया गया लेकिन बार बार आदेश के बावजूद अभी तक नल जल का कार्य पुरा नही किया गया है। इस संबंध में जिला पंचायत राज पदाधिकारी मंजू प्रसाद द्वारा अपना पत्रांक 2/24दिनांक 28फरवरी को आदेश दिया गया कि सभी पन्द्रहो वार्ड सदस्य, वार्ड क्रियान्वयन सह प्रबंधन समिति के कलावे अन्य जिम्मेवार लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर राशि रिकवरी का कार्रवाई किया जाए। लेकिन लगभग 18दिनों में भी प्राथमिकी दर्ज कर राशि का रिकवरी के लिए कारवाई नहीं होना और इस संबंध में प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी द्वारा पुछे जाने पर बताना कि कार्य पुरा कराने का प्रयास किया जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि जब जिला पंचायत राज पदाधिकारी द्वारा स्पष्ट दिशानिर्देश और आदेश है तो फिर प्रखंड राज पदाधिकारी द्वारा यह कहना कि कार्य पुरा कराने का प्रयास किया जा रहा है यह एक आश्चर्यजनक मामला है। जब पंचायत राज पदाधिकारी खुद मार्गदर्शन मांगें थे और मार्गदर्शन मिलने के बावजूद प्राथमिकी दर्ज कराते हुए राशि का रिकवरी कराने का कारवाई नहीं कर आखिर क्या संदेश देना चाहते हैं। क्या पंचायत राज पदाधिकारी जिला पंचायत राज पदाधिकारी और जिला प्रशासन से कहीं अपने आप को उपर तो नहीं समझ बैठे हैं या फिर जिला प्रशासन और जिला पंचायत राज पदाधिकारी का मिली भगत से राशि को भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ा दिया गया है यह एक अबूझ पहेली बनते जा रहा है। ऐसे में प्रत्येक सोमवार को समाहरणालय में जिलाधिकारी द्वारा फ्लोअप मीटिंग भी बेकार साबित हो रहा है।

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