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पूर्व सांसद स्वर्गीय रामनरेश सिंह का मनाया गया पुण्यतिथि

औरंगाबाद से अम्बुज कुमार का रिपोर्ट

औरंगाबाद के पूर्व सांसद स्व.रामनरेश सिंह उर्फ लूटन बाबू की 25वीं पुण्यतिथि रामनरेश सिंह फाउंडेशन के द्वारा शहर स्थित गेट स्कूल के मैदान में मनाया गया,इस पुण्यतिथि कार्यक्रम में राजनीतिक,सामाजिक एवं बुद्धिजीवी,शिक्षाविद से जुड़े सभी वक्ताओं ने पूर्व सांसद के जीवनी पर प्रकाश डाले और उनके विराट ब्यक्तित्व के बारे में लोगो को बताया।इस कार्यक्रम का संचालन प्रदेश कार्य समिति सदस्य अशोक सिंह ने किया।इस कार्यक्रम में

रफीगंज विधानसभा के कड़सारा निवासी अशोक सिंह के सुपुत्र संतोष सिंह को जर्मनी में आयोजित 100 मीटर की रेस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर सांसद के द्वारा अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया और देव प्रखंड के ग्राम सुदी बिगहा निवासी सुदामा प्रसाद सिंह जो तैराक है और इन्होंने देव तालाब में कई मृत ब्यक्ति का मृत शव निकालने और कई डूबते हुए लोगों का जीवन बचाया है इन्हें अंग वस्त्र देकर सम्मानित किए।पूर्व मुखिया भरत सिंह को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।सांसद सुशील कुमार सिंह ने लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे पिताजी केन्द्रित होकर राजनीत करते थे 1989 में जब लोकसभा का चुनाव होना था उस समय बी.पी.सिंह का फोन आया तब मेरे पिताजी चुनाव लड़ने से मना कर दिए लेकिन इसके बाद जब इस बात की जानकारी पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर सिंह का फोन आया और बोले कि आपको लोकसभा का चुनाव लड़ना है,तब मेरे पिताजी चुनाव लड़े और चुनाव जीते।मेरे पिताजी का पूरा जीवन संघर्ष और जुझारूपन का मिसाल रहा,इनके बारे में लोगो के द्वारा चर्चा किया जाता है कि इनसे जो मदद माँगने गया कभी खाली हाँथ नही लौटा और अपनी शर्तों पर हमेशा जीवन जिया।जब मेरे पिताजी का राजनीति में किसी से संघर्ष हुआ तो जीत गए लेकिन जब बीमारी से संघर्ष हुआ तो वह जिन्दगी का जंग हार गए।इनका सभी चुनाव संघर्ष भरा रहा।औरंगाबाद विधानसभा से 1980 में निर्दलीय प्रत्यासी के रूप में चुनाव लड़े और चुनाव जीते जो अभी तक का एकमात्र निर्दलीय विधायक बनने का रिकॉर्ड इनके नाम दर्ज है।औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद और दो बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए।फाउंडेशन के चैयरमैन सुनील सिंह ने कहा कि मेरे पिताजी जब जन प्रतिनिधि हुए उसके बाद जनप्रतिनिधि होने के बाद विकास की नींव डाली थी यँहा की जनता को जनप्रतिनिधि के कर्तव्यों क्या होता है यह पहली बार पता चला और वह सामान्य आदमी के नेता थे।यही कारण है कि औरंगाबाद के लोग आज भी पूरे सम्मान के साथ उनका नाम लेते है।कर्नल सुधीर सिंह ने कहा कि मैं 34 साल तक आर्मी में सेवा दिया हुँ और आर्मी के लोग कभी रिटायर्ड नही होते है उनके अंदर देश सेवा का जज्बा होता है।जब भी देश को मेरा जरूरत पड़ेगा तो मैं देश के लिए जाऊँगा।ईमानदारी से बड़ा कोई चीज नही है।मैं अपने पिताजी के पदचिन्हों पर चल रहा हूँ।आज का फाइनल फुटबॉल मैच औरंगाबाद डी.एल.एफ और देव आनंदपुरा के बीच खेला गया जिसमें देव आनंदपुरा की टीम 2-1 से जीता।विजेता टीम को सांसद सुशील कुमार सिंह एवं उप विजेता टीम को कर्नल सुधीर सिंह ने ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।मैन ऑफ द मैच को सांसद प्रतिनिधि अश्विनी सिंह एवं मैन ऑफ द सीरीज को किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष विनय सिंह एवं मुख्य रेफरी एवं सहायक रेफरी को प्रवीर सिंह एवं शुभेंदु शेखर सिंह ने कप देकर सम्मानित किया।मैच का कमेंट्री लोकराज के लोकनायक किताब का लेखक राकेश कुमार एवं संजीत अम्बेडकर ने किया।दो दिवसीय मैच में मुख्य रेफरी के रूप में मो.फकरुद्दीन एवं सहायक रेफरी के रूप में उग्रह नारायण सिंह उर्फ गुरुजी,जियाउल हक,महफूज आलम का भूमिका सराहनीय रहा जिन्होंने टूर्नामेंट को सफल बनाया।इस मौके पर रामनरेश सिंह फाउंडेशन के चेयरमैन सुनील सिंह,कर्नल सुधीर सिंह,भाजपा जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा,प्रवीर सिंह,शुभेंदु शेखर सिंह,रमन सिंह,लोकसभा संयोजक अनिल शर्मा,सांसद प्रतिनिधि अश्विनी सिंह,जिला महामंत्री मुकेश सिंह,सूर्यपत सिंह,जिला परिषद उपाध्यक्ष रामेश्वर बैठा,संजीव पाठक,भोला सिंह,मितेन्द्र सिंह,नलिनी रंजन,अंकित सिंह,सोनू सिंह,टनटन सिंह,अभिषेक सिंह वसु, आशुतोष मोनू,अखिलेश मेहता,राकेश कुमार देवता,भाजपा नेता मुनीन्द्र राम,प्रवीण गुप्ता,प्रफुल्ल सिंह,सुरेन्द्र गुप्ता,भरत सिंह,संपादक श्रीराम अम्बष्ठ,उदय सिंह,लोकसभा विस्तारक विकास कुमार उर्फ भोजपुरिया बाबा,किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष विनय सिंह,अनिता सिंह,जुलेखा खातून,अंजली सिंह,सारिका शेखर,गुड़िया सिंह,केदार सिंह,जिला परिषद धनंजय सिंह,प्रदीप चौरसिया,सुबोध सिंह,रवि सिंह,आशु अभिनव,अमिताभ सिंह उर्फ मुन्ना सिंह,उपस्थित रहे।

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