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नहीं थम रहा राजद में मचे घमासान , राजद नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लालू को पत्र लिखकर लगाया ब्यवसायिकरण करने का आरोप

डीके अकेला मगध प्रमंडल प्रतिनिधि खबर सुप्रभात समाचार सेवा

लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल में नाराजगी व बगावत इन दिनों थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के स्थापना काल से हर वक्त पार्टी को मजबूती प्रदान करने तथा मंजिल तक पहुंचने को लेकर जिन राजनैतिक दिग्गजों ने अपना खून पसीना बहाया तथा अपने जान का भी परवाह नहीं किया वे लोग आज न केवल पार्टी में अपमानित हो रहे हैं बल्कि चुनाव लडने के लिए अपने ही पार्टी से टिकट के लिए मुहताज हो बगावत व विद्रोह कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडने के लिए

देवेंद्र प्रसाद यादव

मजबुर हो गये हैं। अभी तक कई राजद के विधायक ( M L A , M L C ) वगैर किसी परवाह किए बागी उम्मीदवारों के पक्ष में धूवांधार प्रचार प्रसार में दिखे जा रहे हैं वहीं राजद के संस्थापक सदस्य माने जानेवाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेन्द्र प्रसाद यादव ने भी लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखकर न सिर्फ नाराजगी ब्यक्त किए हैं बल्कि पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता एवं नेताओं को दरकिनार कर वैसे लोगों को टिकट देने का आरोप लगाया है जिनका पार्टी में कोई योगदान नहीं रहा है। पूर्व मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव का पत्र लालू प्रसाद को ऐसे समय में लिखा गया है जब टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी में घमासान व विद्रोह का तूफान मचा हुआ है। देवेन्द्र यादव ने पत्र लिखकर लालू प्रसाद यादव पर पार्टी को ब्यवसायिकरण करने का तो आरोप लगाया ही साथ साथ उन्होंने कहा कि यदि भाजपा फिर से सत्ता में वापसी करता है तो इसके लिए लालू प्रसाद भी जिम्मेवार होंगे। उन्होंने पत्र में जिक्र किया है कि जिस तरह से लालू प्रसाद यादव टिकट का बंटवारा किये है उससे लगता है कि राजद चुनाव नहीं लड रहा बल्कि सिर्फ और सिर्फ औपचारिकता पूरी कर रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पत्र लिखकर लालू प्रसाद यादव को नसीहत देते हुए कहा कि शेष सिटो पर वैसे उम्मीदवारों को टिकट दिया जाए जो जीत की गारंटी कर सकें।पत्र में उल्लेख किया गया है कि जिनका पार्टी में कोई योगदान नहीं रहा है वैसे लोगों को टिकट देने का आखिर औचित्य क्या है?