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पिछले राष्ट्रीय लोक अदालत में पैनल अधिवक्ताओं का योगदान को सराहा गया तथा आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों को लेकर नये टास्क

औरंगाबाद से अधिवक्ता शतीश स्नेही का रिपोर्ट

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव, प्रणव शंकर द्वारा आज जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रकोष्ठ में जिला विधिक सेवा प्राधिकार अन्तर्गत सूचीबद्ध सभी पैनल अधिवक्ताओं के साथ बैठक आयोजित की गयी जिसमें सचिव के द्वारा पैनल अधिवक्ताओं को राष्ट्रीय लोक अदालत में अपने स्तर से पहल करते हुए अधिक से अधिक सुलहनीय वादों के निस्तारण के लिए सक्रिय सहभागिता हेतु निदेशीत किया गया साथ ही उन्हें आगामी 11 फरवरी को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक सुलहनीय आपराधिक वादों को अपने स्तर से चिन्ह्ति कर निष्पादन करवाने का निर्देश  दिया गया।                   
                सचिव के द्वारा पैनल अधिवक्ताओं से इस राष्ट्रीय लोक अदालत में जिले को सभी मामलें में सर्वश्रेष्ठ बनाने हेतु पूर्ण सहयोग की अपील किया गया जिसपर सभी पैनल अधिवक्ताओं ने अपने स्तर से पहल करते हुए सुलहनीय वादों को राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक निस्तारण करने में अपनी पुरी क्षमता के साथ सहयोग करने में अपनी सक्रिया भूमिका निभाने के लिए सहमति प्रदान करते हुए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया गया। सचिव ने पैनल अधिवक्ताआंे को बताया  कि इस बार नालसा ने एन0आई0 अधिनियम से सम्बन्धित दो लाख से नीचे के वादों का अधिक से अधिक निष्पादन राष्ट्रीय लोक अदालत में कराने का लक्ष्य रखा है, अतः सभी इस विषय पर तत्पर होंकर वादों का निष्पादन करायें।

*आरोपियों को हथकड़ी लगाकर न्यायालय में लाना उनके अधिकार का हनन, सचिव।*

                   सचिव प्रणव शंकर द्वारा आज की बैठक में राष्ट्रीय लोक अदालत के साथ-साथ माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सिविल रिट जुरिडिक्सन वाद संख्या 11502/2022 कुमार अभिषेक बनाम बिहार राज्य में दिनांक  22.11.2022 को पारित आदेष का हवाला देते हुए जानकारी दिया कि न्यायालय में अभियुक्तों की प्रस्तुती के समय आरोपियों को हथकड़ी का उपयोग नहीं करना है और किन्हीं परिस्थिति में अगर हथकड़ी का प्रयोग किया जाता है तो इसका पूर्व आदेष सम्बन्धित न्यायालय से लेना आवश्यक है। इस सम्बन्ध में माननीय पटना उच्च न्यायालय ने विस्तृत दिशा-निर्देश जिला विधिक सेवा प्राधिकार, न्यायालय, पुलिस विभागा, जेल, इत्यादि सम्बन्धित विभागो को जारी किया है साथ ही माननीय न्यायालय ने उक्त आदेश का अवहेलना को न्यायालय का अवमानना सम्बन्धी नियमों के अन्तर्गत कार्रवाई का आदेश दिया है। साथ ही विभागो को हथकड़ी का उपयोग करने के सम्बन्ध में समुचित साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा कि उक्त बंदी नियमों के अवहेलना, भागना, या उससे जुड़े अपराध कर सकता है तभी उसे हथकड़ी का उपयोग करना है साथ ही लाने-ले जाने के समय उन्हें अच्छा व्यवहार के साथ न्यायालय में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

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