केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात समाचार सेवा
औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत परता के भलुआडी खुर्द स्थित प्राथमिक विद्यालय में पदस्थापित शिक्षिका अनिता कुमारी का नियोजन फर्जी प्रमाण पत्र पर होने का ग्रामीण आकाश कुमार के आवेदन पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो जांच प्रारंभ कर दिया है। जांच से घबराकर शिक्षिका के परिजनों में घबराहट प्रारंभ है। इसी कारण शिक्षिका के ससुर श्याम बिहारी राय उर्फ श्याम बिहारी पासवान जो ग्राम पंचायत परता के बर्तमान मुखिया हैं ने एक फर्जी घटना का तानाबाना बुना और एसीसी/ एसटी एक्ट के तहत एससी/ एसटी थाना औरंगाबाद में एक फर्जी मुकदमा दर्ज कर यह दबाव बनाने और भयभीत करने का कार्य किया है। मुकदमा में वैसे लोगों को भी आरोपित बनाया है जो लोग घर पर नहीं रहकर बाहर में रोज़ी रोजगार करते हैं तथा 30 अक्टूबर 2023 को भी गांव पर नहीं थे। इतना ही नहीं एक वाट्सएप ग्रुप में मुख्यमंत्री,उप मुख्यमंत्री और पुलिस के आलाअधिकारियों को तथा सरकार एवं प्रशासन और आम जनता को दिग्भ्रमित करने के उद्देश्य से मनगढ़ंत तथा आधारहीन आवेदन वायरल किया जा रहा है।इस संबंध में आरोपी आलोक कुमार सरकार और जिला प्रशासन से मांग किया है कि पुरे मामले का उच्चस्तरीय जांच हो और दुध का दुध और पानी का पानी यथार्थ सच्चाई सामने आ सके। आलोक के अलावे अन्य आरोपितों का भी यही मांग है। आलोक ने कहा है कि मुकदमा उठाने अथवा वापस लेने के पक्ष में मैं कभी नहीं हूं। आलोक का मानना है कि मुकदमा वापस लेने अथवा उठाने का मतलब न्याय का हत्या होगा तथा सच्चाई कभी प्रकाश में नहीं आएगा। आलोक ने आगे कहा है कि जिलाधिकारी एवं अन्य पुलिस अधिकारियों से आवेदन देकर पुरे मामले का उच्चस्तरीय जांच कराने तथा वास्तविकता को प्रकाश में लाने का अपने मांगों पर आज भी अडिग हूं नकी मुकदमा वापस लेने अथवा उठाने का पक्षधर हूं। आलोक ने कहा कि ग्राम पंचायत परता में फर्जी ग्राम सभा आयोजित करने और योजनाओं के राशि में हुए लूट का जांच कराने का मांग जिलाधिकारी एवं बिहार सरकार से किया है जिससे बौखलाए मुखिया श्याम बिहारी राय झुठे एवं मनगढ़ंत कहानी बना कर एससी/ एसटी एक्ट का फर्जी मुकदमा तो कभी झूठा और मनगढ़ंत कहानी बना कर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री तथा पुलिस के आलाधिकारियों को बरगला रहे हैं। आलोक कुमार ने कहा कि श्याम बिहारी राय उर्फ श्याम बिहारी पासवान (मुखिया, ग्रामपंचायत परता) का नार्को टेस्ट से भी उनके द्वारा किए जा रहे फर्जी मुक़दमा तथा झूठे शिकायत का सच्चाई प्रकाश में आएगा तथा इस षड्यंत्र में शामिल अन्य लोगों का भी उजागर होगा।
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