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नल जल योजना में लाखों का घोटाला के विरुद्ध कार्रवाई के बदले टाल मटोल व महज कागजी खानापूर्ति का खेल जारी, डीएम को लिखा जाना उचित: डीडीसी, अब प्राथमिकी नहीं नीलाम पत्र दायर किया जाएगा:बीपीआरओ

औरंगाबाद संवाद सूत्र खबर सुप्रभात समाचार सेवा

औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा प्रखंड में विभागीय जानकारी के अनुसार लगभग 60 लाख रुपए का मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना में घोटाला होने का मामला प्रकाश में आया है। हला की योजना का यदि पारदर्शिता पूर्ण उच्च स्तरीय जांच धरातल पर किया जाए तो निश्चित रूप से करोड़ों रुपए का घपला -घोटाला का खेल प्रकाश में आएगा। सरकार के सात निश्चय योजना में करोड़ों रुपए का घोटाला औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा प्रखंड में होना कोई मामूली घोटाला नहीं बल्कि एक बड़ा आर्थिक अपराध का मामला है और इसके विरुद्ध आर्थिक अपराध इकाई को कारवाई करना चाहिए तथा त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों तथा उनके

परिजनों और रिश्तेदारों का बैंक खाता के अलावे चल एवं अचल संपत्ति का जांच ईडी और सीबीआई को करना चाहिए। ज्ञात हो कि औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा प्रखंड अंतर्गत 15 वार्ड क्रियान्वयन समिति द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के राशि को हड़पने के विरुद्ध जिला पंचायत राज पदाधिकारी मंजू प्रसाद द्वारा 28 फरवरी 2023को आदेश देते हुए कुटुम्बा के बीपीआरओ सह कार्यपालक पदाधिकारी सह प्रखंड राज पदाधिकारी हरेंद्र चौधरी को कहा गया कि सभी 15वार्ड सदस्यों के विरुद्ध स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई जाए और राशि का रिकवरी कराया जाए। लेकिन अभी तक नहीं प्राथमिकी दर्ज कराया जा सका और नहीं राशि रिकवरी हेतु कारवाई सुनिश्चित किया गया। इस संबंध में प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी सह बीपीआरओ सह कार्यपालक पदाधिकारी हरेंद्र कुमार चौधरी ने स्थानीय थानाध्यक्षों पर आरोप लगाते हुए दिनांक 22/5/2023 ज्ञापांक 151के तहत पत्र लिखकर पुछे गए स्पष्टीकरण का जबाव देते हुए आगाह किए हैं कि स्थानीय थाना में 10 वार्ड क्रियान्वयन समिति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने हेतु आवेदन दिया गया है लेकिन थानाध्यक्षों द्वारा अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं किया जा सका है और जांच करने के नाम पर टाल मटोल किया जा रहा है। इस संबंध में दिनांक 22/5/2023को ही जब खबर सुप्रभात द्वारा अम्बा थानाध्यक्ष रमेश कुमार से मोबाइल फोन से बातचीत के दौरान पुछा गया कि आखिर प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं किया जा रहा है के जवाब में उन्होंने कहा था कि प्राथमिक दर्ज करने हेतु जैसे ही आवेदन प्राप्त होगा तो अविलंब प्राथमिकी दर्ज कर लिया जायेगा। इस संबंध में आज दिनांक 31/5/2023को औरंगाबाद के डीडीसी से जब उनके सरकारी मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया और जानने का प्रयास किया गया कि कुटुम्बा के प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी सह बीपीआरओ सह कार्यपालक पदाधिकारी हरेंद्र कुमार चौधरी द्वारा दिनांक 22/5/2023ज्ञापांक 151के माध्यम से दिए गए जानकारी के आलोक में अभी तक क्या कारवाई किया गया है के जवाब में डीडीसी द्वारा बताया गया कि इस संबंध में डीएम ही कुछ निर्णय लेने के लिए सक्षम पदाधिकारी है। जब पुनः दिनांक 31/5/2023 को प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी सह बीपीआरओ सह कार्यपालक पदाधिकारी हरेंद्र कुमार चौधरी से उनके मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क कर जानने का प्रयास किया गया कि डीडीसी को पत्र लिखकर जानकारी देने के बजाय आखिर डीएम को पत्र क्यों नहीं दिखा गया के जबाव में प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी सह बीपीआरओ सह कार्यपालक पदाधिकारी हरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि अब प्राथमिकी दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है और नीलाम पत्र दायर करने के लिए कागज बनाया जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि जब प्राथमिकी दर्ज करने की जरूरत नहीं था तो आखिर जिला पंचायत राज पदाधिकारी मंजू प्रसाद द्वारा प्राथमिक दर्ज करने का आदेश देना कोई ग़लती तो नहीं था? यदि जब प्राथमिकी दर्ज करने की जरूरत नहीं था तो फिर पंचायत राज पदाधिकारी सह बीपीआरओ सह कार्यपालक पदाधिकारी हरेंद्र कुमार चौधरी आखिर प्राथमिकी दर्ज करने हेतु आवेदन देकर कौनसा सुझ बुझ का परिचय दे रहे थे? अम्बा के थानाध्यक्ष रमेश कुमार द्वारा 22/5/2023को बताया गया था कि प्राथमिक दर्ज करने हेतु जैसे ही आवेदन प्राप्त होगा तो शीघ्र प्राथमिकी दर्ज कर लिया जायेगा। मतलब की स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज करने हेतु कोई आवेदन नहीं दिया गया था आदि कई सवाल खड़ा हो रहा है। अब देखना यह है कि आखिर जिला एवं स्थानीय अधिकारियों द्वारा कौनसा अंतिम कारवाई किया जाएगा।

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