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आवास निर्माण के लिए मिले पैसा से दस हजार ठग लिए बिचौलिए , मुखिया और मदनपुर बिडियो पर बिचौलिए को संरक्षण देने का आरोप लगा रही है पिडित पार्वती देवी , पिडित महिला थाना में दर्ज कराए प्राथमिकी :बिडियो , चुनावी रंजिश के वजह से लगाया जा रहा है आरोप : मुखिया , पार्वती द्वारा विडियो को दिए गए आवेदन में बैंक खाता और आइएफसी कोड का भी किया गया है उल्लेख।

आलोक कुमार , केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात।

प्रधानमंत्री आवास योजना में बिचौलिए तथा भ्रष्ट अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के संगठीत गंठजोड़ के द्वारा लाभुकों को चकमा देकर पैसा निर्भीकता पूर्वक ठगा जा रहा है। सरकार और जिला प्रशासन द्वारा बार बार चेतावनी के बावजूद न तो भ्रष्ट अधिकारियों और नहीं जनप्रतिनिधियों तथा बिचौलिए बाज आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला औरंगाबाद जिले में मदनपुर प्रखंड के उतरी उमगा पंचायत के सुग्गी गांव से प्रकाश में आ रहा है। जो गंभीर मामला है और उच्चस्तरीय जांच से सचाई प्रकाश में आयेगा। सुग्गी गांव निवासी पार्वती देबी जो एक दलित महिला है उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले प्रथम किस्त पैंतालीस हजार रुपए उसके बैंक खाता में आया। पैसा आते हि बिचौलिए का गीद्ध दृष्टि पैसा पर पड गया और पंचायत के मुखिया जी और एक बिचौलिया लाभुक के घर पहुंच कर अंगुठा लगवाकर दस हजार रुपए का निकासी करा कर पैसा लेकर चले गये। पुछे जाने पर मुखिया जी बोले कि दस हजार रुपए विडियो शाहब को देना है और फिर दस हजार रुपए देना होगा यह पिडित दलित महिला पार्वती द्वारा मदनपुर विडियो को दिए गए आवेदन में भी उल्लेख है।

इस संबंध में खबर सुप्रभात द्वारा पुछे जाने पर उतरी उमगा के मुखिया बिवेक उर्फ बाबू बताते हैं कि आरोप गलत है तथा स्थानीय चुनाव से प्रेरित है।हलाकी पिडित दलित महिला पार्वती ने विडियो को दिए गए आवेदन में बैंक खाता नम्बर और आईएफसी कोड का उल्लेख करते हुए दावा किया है की पैसे का नीकासी कराकर ठगी किया गया है।

मामले में मदनपुर के विडियो खबर सुप्रभात द्वारा पुछे जाने पर बताये की पिडित महिला को अविलंब थाना में प्राथमिकी दर्ज कराना चाहिए जब उनसे पुछा गया कि आपके द्वारा आवेदन के आलोक में अभी तक क्या कारवाई किया गया तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार और जिला प्रशासन द्वारा हेदायत दिये जाने के बाद भी प्रधानमंत्री आवास योजना में बिचौलिए तथा भ्रष्ट अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा लाभुकों से वसूली किया जा रहा है और सिकायत के बावजूद भी आरोपितों के विरुद्ध न तो किसी प्रकार का कारवाई किया जा रहा है और नहीं प्राथमिकी दर्ज किया जा रहा है। जो गंभीर मामला है और उच्चस्तरीय जांच से ही पुरे मामले में सच्चाई सामने आयेगा।

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