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अभी से सरकार व किसान को चुना लगाने के तैयारी में कृषि विभाग, प्रखंड प्रमुख के चेतावनी का नहीं पड़ा असर , फर्जी आंकड़े का उच्चस्तरीय जांच कराया जाएगा: प्रमुख

अम्बा से अम्बुज कुमार का रिर्पोट

पर्याप्त बारिश नहीं होने से कुटुंबा प्रखंड के पंचायतों में किसान एक तरफ सुखाड़ का दंश झेल रहें हैं तो दूसरी तरफ कृषि विभाग धान के बुवाई होने का फर्जी आंकड़ा कार्यालय में बैठे अधिकारी व कर्मियों द्वारा बिचौलियों के साथ गाठ से तैयार कर सरकार एवं जिला प्रशासन को भेजी दी हैं। जबकि प्रखंड के भिन्न भिन्न पंचायतों में स्थलीय जांच कराई जाए तो कई वैसे पंचायत हैं जहां 15-20 प्रतिशत से ज्यादा धान की बुवाई नहीं हों सका हैं। जिन पंचायतों में धान की बुवाई अधिक हुआ है वहा भी 50-60 प्रतिशत से अधिक धान की रोपनी नहीं हुई है। नतीजा यह है की प्रखंड क्षेत्र में कई किसानों के हजारों एकड़ भूमि बंजर व वीरान देखने को मिल रहा हैं।

लोगों को माने तो कृषि विभाग और बिचौलियों के साठगांठ से फर्जी आंकड़ा इसलिए तैयार किया गया है की सभी पैक्सों में अधिक से अधिक धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य कागज पर तय किया जाय और सरकार एवं किसानों को चुना इस वर्ष भी लगाया जा सकें। ज्ञात हो की कुटुंबा के प्रखंड प्रमुख धर्मेद्र कुमार ने कृषि कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मियों को पूर्व में भी चेतावनी देते हुए कहा था की फर्जी आंकड़े तैयार करने से बाज आए और जो धान बुवाई का धरातलीय सचाई हैं उस सच्चाई को प्रकाश में लाया जाए। ताकि किसानों को सरकार द्वारा समयानुसार राहत प्रदान किया जा सकें।इसके बावजूद भी प्रखंड प्रमुख द्वारा दिए गए चेतावनी का असर कृषि कार्यालय के अधिकारियों तथा कर्मियों पर नहीं पड़ा और धान बुवाई के फर्जी आंकड़े सरकार और जिला प्रशासन को भेज दिया गया है । ताकि किसानों को मिलने वाले आपदा प्रबंधन से राहत राशि से बंचीत रखा जाए। किसानों को संदेह है की इस वर्ष भी धान अधिप्राप्ति का सर्वाधिक लक्ष्य निर्धारित करने के मंशा के तहत बिचौलियों के साठगांठ से कृषि कार्यालय के द्वारा अभी से ही स्पेस तैयार किया जा रहा हैं। हलाकि इस संबंध में प्रखंड प्रमुख धर्मेंद्र कुमार ने संज्ञान लेते हुए कृषि कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मियों के प्रति कड़ा रुख अपनाने का संकेत मिला है और जल्द ही उच्च अधिकारियों एवं सरकार से जांच कराने के लिए कटिबद्ध हैं।

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