तजा खबर

उत्तर कोमल नहर में पानी सिर्फ नेताओं की जुबानी


मदनपुर (औरंगाबाद) से सुनील कुमार सिंह का रिपोर्ट


औरंगाबाद -गया एवं पलामू जिला के बंजर पड़े खेतों में हरियाली का सपना संयो कर 1970के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी एवं एकल बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व ० सत्येन्द्र नारायण सिन्हा ने उत्तर कोमल नहर की रुप रेखा खिंची थी। इस परियोजना का उद्देश्य था कि मुख्य नहर के उतरीं भूभाग को जगह -जगह वितरणी देकर सिंचित किया जाएगा तथा दक्षिण के भूभाग

को लिफ्ट एरिगेशन के माध्यम से सिंचाई किया जाएगा। नहर के दोनों किनारों पर याता यात हेतु पक्के सड़क का निर्माण किया जाएगा। पहले चरण में उक्त नहर को जहानाबाद की सीमा तक निर्माण कराया जाना था तो वहीं दूसरी चरण में इसे मुंगेर तक ले जाने का प्रस्ताव था। 80 के दशक में नहर का निर्माण कार्य प्राक्कलित राशि समाप्त होने से बंद हो गई। बैली बांध में नहर के बीचों बीच रौक जोन

आने से कार्य बंद हो गया और अलबत्ता एक बात तो जरुर हुई कि बिना नहर खुदाई किए दक्षिण पहाड़ का पानी बरसाती नाला से नहर के उतरीं भूभाग को सिंचाई करता था और भी बंद हो गया।नहर का बिशाला पींड बरसाती नालों के मार्ग में बाधा बन गया। नहर से दक्षिण का इलाका लाल गलियारा के नाम से ब्यख्यात हुआ और नहर में काम करने वाले मोटी रकम प्रतिबंधित संगठनों ने अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत की तो वहीं ठेकेदार भी भ्रष्ट अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के मिली भगत से राशियों का बंदरबांट कर लिया। सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि मदनपुर में उतर कोयल नहर का मुख्यालय कागजों में आज भी संचालित है।लोकल ठेकेदारों के दबंगई के कारण कार्यालय को औरंगाबाद जिला मुख्यालय में अधिकारियों के द्वारा स्थानांतरित कर दिया गया एवं मदनपुर के धरातलीय पर बने उत्तर कोयल नहर सिंचाई कार्यालय एवं कोलोनी में बीआर कैंप स्थापित कर दिया गया।आज भी उत्तर कोयल नहर किसानों को मुंह चिढ़ाती नजर आती है कि तेरे जमीन भी लिए और तेरे खेतों को पानी भी नहीं दिया। उत्तर कोयल नहर में पानी पहुंचाने के दावा कर विधानसभा एवं लोकसभा की यात्रा कर चुके हैं। नहर में पानी देना सिर्फ चुनावी मुद्दा बन चूका है। 80 के दशक में तो मदनपुर क्षेत्र में यह नारा खुब शोर मचाया था -नहर में कुदाल चलाने वाला जैसा हो । कंचनपुरा से मदनपुर तक हर हाल में पानी मीलेगा आप हमें वोट देकर जिताएं, किसानों ने भरोसा कर कुदाल चलाने वाला ब्यक्ती को विधायक बनाया और सरकार ने उसे मंत्री बनाया। बदले में किसानों को क्या मिला। बिना पानी का नहर, बंजर पड़े खेत एवं चेहरे पर मायूसी। थक हार कर किसानों ने उत्तर कोयल नहर किसानों संघर्ष मोर्चा बनाकर सिरौंधा गांव में नहर के किनारे घेरा डालो-डेरा डालो । मोर्चा के अध्यक्ष नन्दलाल सिंह, सचिव एवं उत्तर गुरुवार के जीरा परिषद सदस्य बालेश्वर प्रसाद यादव , जयनंदन शर्मा सम्मानित अध्यक्ष, अशोक यादव उप सचिव तथा सुरेश प्रभु विद्यार्थी (परैया प्रखंड अध्यक्ष) के नेतृत्व में विगत 37 दिनों से धरना का कार्यक्रम रात दिन जारी है। पुछे जाने पर मोर्चा के नेताओं ने कहा कि अगर सरकार नहर में आए गाद कि सफाई एक पखवारा में कराना शुरू नहीं करती है तो सभी किसान स्वयं कुदाल लेकर गाद कि सफाई में जुट जाएंगे।इस बीच किसानों के साथ यदि कोई अनहोनी होती है तो इसकी सारी जवाबदेही सरकार एवं विभाग पर होगी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *