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कब्रिस्तान का घेराबंदी मामले में ग्रामीणों द्वारा थानाध्यक्ष और अंचलाधिकारी पर लगाए गए आरोपों का बैज्ञानिक जांच हो : बिजेंद्र

समाजिक कार्यकर्ता बिजेंद्र सिंह ने आज रविवार को खबर सुप्रभात को बताये की औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा थाना क्षेत्र के छक्कनबार गांव में कब्रिस्तान का घेराबंदी मामले का तथा ग्रामीणों द्वारा थानाध्यक्ष और अंचलाधिकारी के भूमिका का पर गंभीर आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने कहा कि जिस जगह कब्रिस्तान का घेराबंदी किया जा रहा है उससे ग्रामीणों का रास्ता अवरूद्ध हो जायेगा। हालाकि कब्रिस्तान का घेराबंदी के लिए कुटुम्बा के अंचलाधिकारी अभय कुमार द्वारा एन ओ सी देने का बात ग्रामीणों ने कहा है। ग्रामीणों ने बताया कि कब्रिस्तान घेराबंदी से रास्ता अवरूद्ध हो रहा है तो एन ओ सी अंचलाधिकारी द्वारा देना किसी भी मापदण्ड से उचित नहीं प्रतित होता है।जब घेराबंदी शुरू हुआ तो ग्रामीणों के विरोध करने पर अंचलाधिकारी अभय कुमार स्थल जांच करने आए थे और 26नवम्बर को कुटुम्बा थाना में आयोजित जनता दरबार में बुलाया गया था। अंचलाधिकारी के कहने पर जब ग्रामीण 26नवम्बर को कुटुम्बा थाना पहुंचे तो वहां अंचलाधिकारी नहीं थे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि वहां मौजूद एक राजस्वकर्मी ललन सिंह जबरन कुछ कागजात पर पुलिस के बदौलत हस्ताक्षर कराया उसके बाद थानाध्यक्ष ने सभी ग्रामीणों को जबरन पद का दुरपयोग करते हुए थाना से बाहर कर दिए। इस पुरे प्रकरण का वैज्ञानिक जांच कराने तथा दोषियों पर कानून एवं न्याय हित में कारवाई शुनिश्चित करने का मांग समाजिक कार्यकर्ता ने सरकार और जिला प्रशासन से किया है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता दलित और पिछड़ी जाति से आते हैं और जब 26नवम्बर को पुरा देश संविधान दिवस मना रहा था तो कुटुम्बा के थानाध्यक्ष ने संविधान का धज्जी उड़ाते हुए दलितों के साथ अत्याचार करने का कार्य किया है। समाजिक कार्यकर्ता ने पुरे प्रकरण में शामिल लोगों पर भी कार्रवाई का मांग किया है।

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